गोली चलेगी तो गोला मिलेगा: पीएम मोदी


वहां से गोली चलेगी तो यहां से गोला...' सीजफायर पर जेडी वेंस से बोले पीएम मोदी, POK को बताया इकलौता मुद्दा

विधिक आवाज समाचार |नई दिल्ली 
 रिपोर्ट: राजेश कुमार यादव | दिनांक: 12 मई 2025

नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान सीमा पर जारी तनाव और संघर्षविराम को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के बीच हुई बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने दो टूक शब्दों में भारत की सुरक्षा नीति स्पष्ट कर दी। पीएम मोदी ने कहा, "अगर वहां से गोली चलेगी तो यहां से गोला चलेगा।" यानी अगर पाकिस्तान हमला करता है तो भारत और भी सख्त कार्रवाई करेगा।

विदेश मंत्रालय से जुड़े सरकारी सूत्रों ने बताया कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने खुद प्रधानमंत्री मोदी को फोन कर सीमा पर जारी स्थिति पर बातचीत की। बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत युद्ध नहीं चाहता, लेकिन यदि पाकिस्तान की ओर से कोई उकसाव या हमला होता है, तो भारत उसकी पूरी ताकत से जवाब देगा।

कश्मीर पर भारत की सख्त नीति: सिर्फ POK की वापसी पर होगी बात
बातचीत में कश्मीर मुद्दे को लेकर भी भारत की स्पष्ट नीति सामने आई। सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और इस पर किसी तीसरे देश की मध्यस्थता या हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है।

सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारत का कश्मीर पर रुख अब बिल्कुल स्पष्ट है – "कोई विवाद नहीं, सिर्फ एक लक्ष्य – POK की वापसी।" विदेश मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि भारत अब पाकिस्तान के साथ केवल पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) की वापसी को लेकर ही कोई चर्चा करेगा। इससे अलग किसी विषय या मध्यस्थता को भारत नकारता है।

यह प्रतिक्रिया अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस टिप्पणी के बाद सामने आई है जिसमें उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की इच्छा जताई थी। भारत ने इस बयान को तुरंत खारिज करते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर पूरी तरह भारत का हिस्सा बन चुका है। अब केवल PoK की वापसी ही एकमात्र मुद्दा है।

भारत का स्पष्ट संदेश दुनिया को:
“कश्मीर हमारा आंतरिक मामला है, अपने काम से काम रखें।”

भारत ने वैश्विक मंच पर यह संदेश भी स्पष्ट कर दिया है कि देश की अखंडता और संप्रभुता से कोई समझौता नहीं होगा, और कश्मीर मसले में भारत को किसी बाहरी सहयोग या मध्यस्थता की आवश्यकता नहीं है।

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