जान हथेली पर, अधिकारी बेखबर! | बिना बेल्ट-हेलमेट, कर रहे मौत से जंग


बिना सुरक्षा के खंभों पर चढ़े बिजलीकर्मी, मौत से कर रहे मुकाबला – जिम्मेदारों की चुप्पी खतरनाक

विधिक आवाज़ समाचार | इंदौर 
विशेष रिपोर्ट – संवाददाता: विश्वामित्र अग्निहोत्री

इंदौर के कनाडिया क्षेत्र से एक गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है जिसने बिजली विभाग की कार्यप्रणाली और प्रशासनिक उदासीनता पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।

यहाँ बिजली विभाग के कर्मचारी जान हथेली पर रखकर बिना किसी सुरक्षा उपकरण के बिजली के खंभों पर चढ़कर काम कर रहे हैं।
न उनके पास हेलमेट है, न सेफ्टी बेल्ट, न ग्लव्स 

— बस जान हथेली पर लिए, तारों के जाल में उलझे ये कर्मचारी खुद को और इलाके को रोशन रखने में लगे हैं।

⚠️ ज़रा सी चूक और... हादसा तय!

कनाडिया इलाके में जब हमारी टीम मौके पर पहुँची, तो देखा गया कि तेज़ धूप और ऊँचाई पर खुले तारों के बीच कर्मचारी बिजली फिटिंग कर रहे थे — पूरी तरह असुरक्षित हालात में।
यह न केवल मजदूरों के जीवन के साथ खिलवाड़ है, बल्कि सरकारी नियमों और सुरक्षा मानकों की खुली अवहेलना भी है।

👷 “हमें नहीं मिले सेफ्टी उपकरण” — कर्मचारियों का आरोप

जब कर्मचारियों से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से उन्हें कोई भी सुरक्षात्मक किट मुहैया नहीं करवाई गई है।
एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया:

“हमें बस आदेश मिलता है, काम करना है। सेफ्टी का कोई प्रबंध नहीं है। हादसा हो जाए तो हमारी जान की कीमत कौन देगा?”

🟥 रतलाम का हादसा भूले नहीं — फिर भी नहीं सुधरे अधिकारी!

कुछ ही दिन पहले रतलाम जिले में एक बिजलीकर्मी खंभे से गिर गया था, जिसका वीडियो वायरल हुआ था।
उस घटना के बाद भी विभाग ने न तो किसी अधिकारी पर कार्यवाही की और न ही सुरक्षा व्यवस्था में सुधार किया।

अब इंदौर में भी वही खतरा सिर उठाता दिख रहा है।

🤳 अधिकारी फोन तक नहीं उठाते!

जब इस मामले को लेकर संबंधित अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई, तो किसी ने फोन रिसीव करना जरूरी नहीं समझा।

इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जमीनी हकीकत से प्रशासन कितना बेखबर और लापरवाह है।

❗ आखिर जिम्मेदार कौन?

👉 यदि कोई जानलेवा हादसा होता है, तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी?
👉 क्या विभागीय लापरवाही से होने वाली मौत को 'दुर्घटना' कहकर भुला दिया जाएगा?

इन सवालों पर बिजली कंपनी और प्रशासन की चुप्पी आने वाले खतरे की गूंज है।

ख़बर देखे (वीडियो) 👇👇👇 लिंक पर क्लिक करे।

📣 “सस्ती हो गई है एक मजदूर की जान?” — विधिक आवाज़ का सवाल

सरकारी नियमों के अनुसार, हर कर्मचारी को बिजली पोल पर काम करने से पहले सेफ्टी बेल्ट, हेलमेट, इंसुलेटेड दस्ताने और अन्य उपकरण दिए जाने चाहिए।
लेकिन इंदौर में यह सब नाममात्र रह गया है।

यह लापरवाही केवल विभागीय गलती नहीं, बल्कि एक कर्मचारी के मानवाधिकार का उल्लंघन है।

📢 विधिक आवाज़ की चेतावनी

क्या प्रशासन को किसी और हादसे का इंतज़ार है?
क्या सुधार तब होगा जब कोई मजदूर अपनी जान गंवाएगा?

अब वक्त है कार्रवाई का, अफसोस जताने का नहीं।

📌
"विधिक आवाज तेजी से लोकप्रिय होता न्यूज चैनल नेटवर्क है। ऐसी ही खबरे प्राप्त करने के लिए जुड़े रहिए विधिक आवाज समाचार समूह से।"



Previous Post Next Post

Featured Posts

Ads

نموذج الاتصال