चित्रकूट को योगी सरकार की सौगात; 50 करोड़ रुपए से विकसित होंगी पर्यटक सुविधाएं


भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी के वनवास के प्रमुख पड़ाव चित्रकूट में लगभग 50 करोड़ रुपए से पर्यटक सुविधाओं का विकास किया जाएगा. 


पर्यटन विभाग की तीन योजनाओं की स्वीकृति मिली है. इनमें राम वन गमन पथ के मुख्य पड़ाव पर टूरिस्ट फैसिलिटी सेंटर, हवाई अड्डे के समीप देवांगना घाटी के बॉर्डर पर पर्यटक सुविधा केंद्र और डॉर्मिटरी का निर्माण व कामदगिरि परिक्रमा मार्ग पर विकास कार्य कराए जाएंगे. यह जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी.

विधिक आवाज समाचार |लखनऊ उत्तरप्रदेश
रिपोर्ट राजेश कुमार यादव |दिनांक 10 अप्रैल 2025

उन्होंने बताया कि चित्रकूट शहरी क्षेत्र में राम वन गमन पथ के मुख्य पड़ाव स्थल पर टूरिस्ट फैसिलिटी सेंटर में इनडोर बैठक सहित रेस्टोरेंट, सत्संग हॉल, बहुउद्देश्यीय हॉल, मीटिंग रूम, कार्यालय कक्ष, शौचालय, डॉर्मिटरी (आवासीय कक्ष) सहित अन्य विकास कार्य किए जाएंगे. इसके लिए लगभग 11.93 करोड़ की धनराशि स्वीकृत हुई है, जिसमें 50 लाख रुपए जारी किए जा चुके हैं. पर्यटन मंत्री ने बताया कि हवाई अड्डे के समीप देवांगना में लगभग 17.56 करोड़ रुपए से पर्यटक सुविधा केंद्र बनाए जाएंगे. इसमें 70 लाख रुपए जारी किए जा चुके हैं. परियोजना के तहत टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर में इनडोर सीटिंग युक्त रेस्टोरेंट, सत्संग हॉल, बहुउद्देशीय हॉल, रिटेल स्पेस, कार्यालय कक्ष, शौचालय और डॉर्मिटरीज़ आदि का निर्माण किया जाएगा.

जयवीर सिंह ने बताया कि श्रद्धालुओं के सुविधार्थ कामदगिरी परिक्रमा मार्ग का सांस्कृतिक एवं अवस्थापना संबंधी पर्यटन विकास 20.45 करोड़ रुपए से कराया जाएगा. इसमें 75 लाख रुपए जारी किए जा चुके हैं. परियोजना के तहत फर्श की स्थापना, जल निकासी समाधान, साइन बोर्ड की स्थापना, दुकानों के मुखौटे की स्थापना, फेंसिंग की स्थापना, सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली की स्थापना की सहित अन्य कार्य कराए जाएंगे.

पर्यटन मंत्री ने बताया कि चित्रकूट एक अत्यंत पावन और ऐतिहासिक स्थल है, जिसका धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्व है. यह स्थान महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल के रूप में विख्यात है. 

उत्तर प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है. इसमें चित्रकूट का महत्वपूर्ण योगदान है. यह पुण्य भूमि प्रकृति प्रेमियों को भी खूब आकर्षित करती है. यहीं पर रानी टाइगर रिजर्व महत्वपूर्ण ईको साइट है. उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड भी पर्यटन सुविधाओं का विकास कर रहा है. ताकि यहां आने वाले पर्यटक भी विशिष्ट अनुभव लेकर जाएं.
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