फर्जी लिंक, ऐप्स और फ्रॉड से कैसे बचें? जानिए पुलिस की सलाह।


डिजिटल युग में सतर्कता है सबसे बड़ा सुरक्षा कवच।

साइबर क्राइम से बचाव: जागरूकता और सतर्कता है सबसे बड़ा इलाज

आज के दौर में साइबर क्राइम एक खतरनाक बीमारी की तरह समाज को प्रभावित कर रहा है। इसे रोकने के लिए जागरूकता और सतर्कता सबसे ज़रूरी है। इसी मकसद से इंदौर पुलिस ने शुभदीप आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में छात्रों, प्रोफेसरों और स्टाफ के लिए एक साइबर अवेयरनेस क्लास आयोजित की।


कार्यशाला में एडीशनल डीसीपी (क्राइम) श्री राजेश दंडोतिया ने करीब 400 लोगों को साइबर अपराध के अलग-अलग प्रकारों और उनसे बचने के तरीके बताए। उन्होंने उदाहरणों और केस स्टडी के ज़रिए फाइनेंशियल फ्रॉड, सोशल मीडिया अपराध, फर्जी लिंक और लोन ऐप्स से बचाव की जानकारी दी।

महत्वपूर्ण बातें:

साइबर क्राइम हेल्पलाइन: 1930
शिकायत पोर्टल: cybercrime.gov.in
इंदौर पुलिस हेल्पलाइन: 704912445


श्री दंडोतिया ने कहा, “जैसे बीमारियों का इलाज दवाइयों और सावधानियों से किया जाता है, वैसे ही साइबर क्राइम से बचने के लिए डिजिटल सतर्कता ज़रूरी है। फर्जी वेबसाइट्स और अनजान लिंक पर क्लिक न करें, अपनी निजी जानकारी साझा न करें।”

इस पहल की मेडिकल कॉलेज के स्टाफ और छात्रों ने जमकर सराहना की और इंदौर पुलिस के इस अभियान को बेहद उपयोगी बताया।


अगर आप अपने स्कूल, कॉलेज, या किसी अन्य संस्थान में ऐसी साइबर अवेयरनेस कार्यशाला आयोजित करवाना चाहते हैं, तो 7049108197 पर संपर्क करें।

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