विश्व एड्स दिवस: जागरूकता ही बचाव का रास्ता
सीतामऊ। विश्व एड्स दिवस के मौके पर मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सीविल अस्पताल सीतामऊ में मानव श्रृंखला बनाकर जागरूकता फैलाने की शपथ ली। इस दौरान उन्होंने गांव-गांव जाकर लोगों को एड्स के प्रति जागरूक करने का संकल्प लिया।
इस कार्यक्रम में उपस्थित डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने एचआईवी/एड्स से संबंधित जानकारी साझा की। डॉ. अर्जुन अटोलिया, डॉ. राहुल पाटीदार और आईसीटीसी काउंसलर बंटी दाहिमा ने बताया कि एचआईवी मुख्य रूप से असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सुई, संक्रमित रक्त, और गर्भवती मां से बच्चे में फैल सकता है। इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता सबसे महत्वपूर्ण है।
एचआईवी से जुड़ी जानकारी:
परामर्शदाता हरिओम गंधर्व ने बताया कि सीतामऊ विकासखंड में 300 से अधिक एचआईवी संक्रमित मामले हैं, इसलिए गांव-गांव में जागरूकता फैलाना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि एड्स संक्रमित व्यक्ति से भेदभाव न करें और एचआईवी से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए 1097 हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।
कार्यक्रम में नारायणसिंह निनामा और हेमंत गौड़ ने विद्यार्थियों को गांवों में जाकर काम करने की जिम्मेदारी दी। परामर्शदाता चरणसिंह चौहान और सत्यनारायण प्रजापत ने भी जागरूकता अभियान से जुड़ी बातें साझा कीं।
इस दौरान बीएसडब्ल्यू और एमएसडब्ल्यू के विद्यार्थियों ने सामाजिक कार्यों में अपनी भागीदारी का महत्व समझा। कक्षा में हिरवे बाजार की कहानी का चित्रण किया गया, जिसमें बच्चों ने पोपटराव पंवार के प्रेरणादायक कार्यों को सहारा।
कार्यक्रम में रमा पाटीदार, सुमन, कुसुम, पायल, शिवकन्या, विनोद, महेश, प्रदीप, संगीता और अन्य सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
निष्कर्ष:
एचआईवी/एड्स के खिलाफ लड़ाई में जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है। इस तरह के प्रयासों से न केवल जानकारी का प्रसार होगा, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलावभी आएगा।
#StopDiscrimination #AIDSEducation
#CommunityLeadership #HealthForAll
#ZeroDiscrimination #YouthForAwareness #ActAgainstAIDS
#MadhyaPradeshCares