✍️✍️न्यूज बाय: विधिक आवाज समाचार समूह रिपोर्टर श्यामलाल चंद्रवंशी पत्रकार _16 नवंबर 2024
मध्य प्रदेश: बेटी के प्रेम विवाह पर परिजनों ने की ‘गोरनी’, शोक पत्रिका की जारी
मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के सीतामऊ तहसील के ग्राम दलावदा से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां परिजनों ने अपनी बेटी के प्रेम विवाह से नाराज होकर उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद, उन्होंने शोक कार्यक्रम ‘गोरनी’ का आयोजन किया और समाज व रिश्तेदारों को निमंत्रण भेजा। यह मामला परंपराओं, सामाजिक मान्यताओं और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के टकराव को उजागर करता है।
जानकारी के अनुसार, युवती ने अपने परिवार की इच्छा के विरुद्ध प्रेम विवाह किया और घर छोड़ दिया। इस कदम से आहत परिवार ने बेटी को अपनी जिंदगी से निकालने का निर्णय लेते हुए उसका अंत्येष्टि कार्यक्रम आयोजित किया। इतना ही नहीं, परिजनों ने युवती से जुड़ी सभी यादगार वस्तुओं को आग में जलाकर उसकी यादों को मिटाने का प्रयास किया। यह घटना सामाजिक परिदृश्य में गहराई से जमी पितृसत्तात्मक सोच और परंपराओं की कठोरता को दर्शाती है।
परिवार द्वारा आयोजित ‘गोरनी’ का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसने व्यापक चर्चा को जन्म दिया है। शोक पत्रिका में बेटी को मृत घोषित कर रिश्तेदारों और समाजजनों को कार्यक्रम में शामिल होने का अनुरोध किया गया। यह कृत्य एक ओर परिजनों के गुस्से और असहमति को व्यक्त करता है, तो दूसरी ओर सवाल उठाता है कि क्या व्यक्तिगत आजादी और खुशियों के लिए संघर्ष को इस तरह की प्रताड़ना झेलनी पड़ेगी।
इस घटना ने यह स्पष्ट किया है कि भारतीय समाज में कई परिवार अभी भी परंपराओं और सामाजिक प्रतिष्ठा को व्यक्तिगत इच्छाओं और आज़ादी से अधिक महत्व देते हैं। बेटी के प्रेम विवाह को लेकर परिवार और समाज का इतना कट्टर रवैया यह दिखाता है कि हमारे समाज में संवाद और सहिष्णुता की कितनी कमी है।
यह घटना समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या पारंपरिक सोच और प्रतिष्ठा की रक्षा के नाम पर ऐसी अमानवीय घटनाएं जायज हैं। समाधान के लिए जरूरी है कि पीढ़ियों के बीच संवाद को बढ़ावा दिया जाए और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का सम्मान किया जाए। ऐसे मुद्दों पर समाज और परिवार को अपनी सोच बदलने की जरूरत है ताकि युवा अपनी मर्जी से जीवन के निर्णय ले सकें और परिवार के साथ बेहतर संबंध बना सकें।
निष्कर्ष: यह घटना केवल एक व्यक्तिगत मामला नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन की जरूरत को दर्शाने वाला एक बड़ा उदाहरण है। संवाद और समझदारी से ही इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सकता है।