मुनव्वर फारूकी को लॉरेंस बिश्नोई की धमकी, पब्लिक अपीयरेंस में कड़ा सुरक्षा घेरा
बिश्नोई गैंग का आतंक: आफताब पूनावाला और मुनव्वर फारूकी पर मंडराया खतरा
लॉरेंस बिश्नोई गैंग की धमकियां: तिहाड़ जेल और सार्वजनिक स्थलों पर बढ़ाई गई सुरक्षा
विधिक आवाज समाचार समूह: 17 नवंबर 2024
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसका गिरोह एक बार फिर चर्चा में है। उनकी कथित "हिट लिस्ट" में अब जाने-माने स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी और श्रद्धा वालकर हत्याकांड का मुख्य आरोपी आफताब पूनावाला भी शामिल हैं। इन दोनों के नाम सामने आने के बाद उनकी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
मुनव्वर फारूकी को मिली धमकी
मुनव्वर फारूकी, जो हाल ही में 'बिग बॉस 17' के विजेता बने, हमेशा अपने विवादित बयानों और शो के लिए सुर्खियों में रहते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले महीने मुनव्वर को लॉरेंस बिश्नोई के नाम से धमकी मिली। यह धमकी कथित तौर पर उनके शो में हिंदू देवताओं के संदर्भ में किए गए विवादास्पद बयानों से जुड़ी थी। मुनव्वर ने इन आरोपों को लेकर पहले भी कानूनी परेशानियां झेली हैं, जिसमें उन्हें जेल भी जाना पड़ा। लॉरेंस बिश्नोई और उसका गिरोह इस मुद्दे से आहत बताया जा रहा है, और इसीलिए उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई है।
मुनव्वर ने इन परिस्थितियों को गंभीरता से लेते हुए अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। अब वह किसी भी सार्वजनिक स्थल पर भारी सुरक्षा घेरे के साथ नजर आते हैं।
आफताब पूनावाला पर भी मंडरा रहा खतरा
श्रद्धा वालकर हत्याकांड का मुख्य आरोपी आफताब पूनावाला तिहाड़ जेल में बंद है। उसे अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा की हत्या और उसके शव के 35 टुकड़े कर जंगल में फेंकने के आरोप में नवंबर 2022 में गिरफ्तार किया गया था। यह मामला पूरे देश में सनसनी बन गया था। आफताब फिलहाल तिहाड़ जेल के नंबर 4 में एकांत कोठरी में रखा गया है। जेल प्रशासन ने उसे संभावित खतरे के मद्देनजर विशेष सुरक्षा व्यवस्था के तहत रखा है।
सूत्रों के अनुसार, आफताब को भी लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह से धमकियां मिली हैं। हालांकि, तिहाड़ जेल के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक पुलिस या सुरक्षा एजेंसियों से उन्हें कोई औपचारिक सूचना नहीं मिली है। यदि ऐसा कोई खतरा औपचारिक रूप से सामने आता है, तो उसकी सुरक्षा की समीक्षा की जाएगी।
बिश्नोई गिरोह के खतरनाक इरादे
लॉरेंस बिश्नोई गैंग का खौफ अब किसी से छिपा नहीं है। गिरोह के सदस्यों ने हाल ही में महाराष्ट्र के वरिष्ठ एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। बाबा सिद्दीकी की हत्या 12 अक्टूबर को मुंबई के बांद्रा इलाके में उनके विधायक बेटे के दफ्तर के पास की गई थी। इस हत्या के लिए तीन हमलावरों ने सिद्दीकी को गोली मारी थी।
बिश्नोई फिलहाल गुजरात की साबरमती जेल में बंद है, लेकिन उसका गिरोह देशभर में सक्रिय है। इसके कई सदस्य तिहाड़ जेल में भी कैद हैं। बिश्नोई गिरोह ने समय-समय पर अपनी हिट लिस्ट के जरिये लोगों में डर फैलाने का प्रयास किया है।
गिरोह के निशाने पर आफताब क्यों?
मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार, बिश्नोई गिरोह आफताब पूनावाला को उसके अपराध के कारण निशाना बना रहा है। गिरोह खुद को 'धर्म रक्षक' के रूप में प्रस्तुत करता है और श्रद्धा हत्याकांड को 'घृणित अपराध' के रूप में देखता है। हालांकि, यह बात भी स्पष्ट है कि गिरोह का असली मकसद धार्मिक और सामुदायिक मुद्दों को भड़काना हो सकता है।
तिहाड़ जेल के सूत्रों ने बताया कि आफताब को एकांत में रखा गया है ताकि अन्य कैदियों से उसकी जान को खतरा न हो। यदि बिश्नोई गिरोह का खतरा गंभीर होता है, तो जेल प्रशासन अतिरिक्त कदम उठाएगा।
सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम
मुनव्वर फारूकी और आफताब पूनावाला के मामलों में सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हो गई हैं। मुनव्वर की सुरक्षा में निजी गार्डों को लगाया गया है, जबकि आफताब की जेल सुरक्षा को मजबूत किया गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की धमकियां अक्सर अपराधियों के बीच अपना दबदबा बनाए रखने की रणनीति होती हैं। बिश्नोई गिरोह के मामले में भी ऐसा ही प्रतीत होता है।
लॉरेंस बिश्नोई का बैकग्राउंड
लॉरेंस बिश्नोई एक कुख्यात गैंगस्टर है, जिसने हाल के वर्षों में कई अपराधों को अंजाम दिया है। वह न केवल हत्या और फिरौती जैसे अपराधों में शामिल है, बल्कि उसकी हिट लिस्ट में कई हाई-प्रोफाइल नाम शामिल रहे हैं। बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान भी बिश्नोई की हिट लिस्ट में रह चुके हैं।
बिश्नोई ने खुद को धर्म का रक्षक बताने का दावा किया है, लेकिन उसकी आपराधिक गतिविधियों के चलते वह कई बार कानून के शिकंजे में आया है।
आगे की राह
इस पूरे मामले में सुरक्षा एजेंसियों के सामने चुनौती यह है कि इन धमकियों को किस हद तक गंभीरता से लिया जाए। मुनव्वर और आफताब जैसे व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना न केवल प्रशासन की जिम्मेदारी है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि कोई भी गिरोह कानून से ऊपर न हो।
लॉरेंस बिश्नोई और उसका गिरोह समाज में डर फैलाने का काम करता रहा है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि इस तरह के आपराधिक गिरोहों पर सख्ती से कार्रवाई की जाए।
निष्कर्ष
मुनव्वर फारूकी और आफताब पूनावाला को लेकर आई धमकियां एक गंभीर चेतावनी हैं कि देश में संगठित अपराध किस हद तक फैल चुका है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को मिलकर ऐसे मामलों में त्वरित और सख्त कदम उठाने होंगे। साथ ही, समाज को भी यह समझना होगा कि किसी भी प्रकार की हिंसा या धमकी को स्वीकार करना कानून व्यवस्था के लिए खतरनाक है।
इस घटना ने एक बार फिर लॉरेंस बिश्नोई जैसे गिरोहों की क्रूरता और उनके खतरनाक इरादों को उजागर कर दिया है। अब देखना यह है कि कानून और प्रशासन इस चुनौती का सामना कैसे करता है।