पत्रकार संदीप ठाकुर बोले – मैं निर्दोष हूँ, फंसाया गया


झूठे आरोप, गंदी साजिश और पुलिसिया जल्दबाज़ी” — पत्रकार संदीप ठाकुर बोले, मुझे फंसाया गया है, मैं निर्दोष हूँ

रिपोर्ट – विश्वामित्र अग्निहोत्री | विधिक आवाज़ – खबरों की कानूनी हकीकत
28 मई 2025

महू (इंदौर): जिले के किशनगंज थाना क्षेत्र के ग्राम पिगडम्बर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक स्वाभिमानी पत्रकार संदीप सिंह ठाकुर को उनके ही परिवार द्वारा झूठे और शर्मनाक आरोपों में फंसाए जाने का आरोप खुद संदीप ठाकुर के रिश्तेदारों ने लगाया है। संदीप ठाकुर ने दावा किया है कि —

“मैं वर्षों से निष्पक्ष और साहसिक पत्रकारिता कर रहा हूं, कई बार पुलिस-प्रशासन की खामियों को उजागर किया है, इसी का नतीजा है कि मुझ पर निजी दुश्मनी और पारिवारिक रंजिश के चलते साजिशन यह एफआईआर दर्ज की गई है।”

✒️ क्या है मामला?

जानकारी के अनुसार, किशनगंज थाना क्षेत्र में संदीप ठाकुर पर उनके ही छोटे भाई द्वारा यह आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपनी भतीजी के साथ अशोभनीय हरकतें की हैं। मामले को गंभीरता से लेते हुए किशनगंज पुलिस ने बिना प्राथमिक जांच, बिना बयान, बिना साक्ष्य एकतरफा कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कर दी।


परंतु, जब इस मामले की तह में जाया गया तो संपत्ति विवाद और पारिवारिक खींचतान की परतें खुलती नज़र आईं।

📹 CCTV और गवाहों की गवाही

संदीप ठाकुर ने CCTV फुटेज और चश्मदीद गवाहों के बयान पुलिस को सौंपते हुए साफ किया है कि उस समय वे उक्त स्थान पर मौजूद ही नहीं थे। उन्होंने यह भी कहा:


“यह मेरे चरित्र हनन की सुनियोजित साजिश है। झूठे आरोप लगाकर मेरी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है।”

संदीप ठाकुर ने  पुलिस की भूमिका पर सवाल 

उनका है कि जब कोई मामला पारिवारिक रंजिश का हो, तब पुलिस को निष्पक्ष जांच के बाद ही कोई कार्यवाही करनी चाहिए, ना कि सीधे एफआईआर दर्ज कर देना। 

पूरी खबर देखने के लिए क्लिक करे ।👇👇👇

✍️ लोकल पत्रकारो का समर्थन

इंदौर और आसपास के कई पत्रकार संगठनों ने इस पर एकमत होकर संदीप ठाकुर का साथ दे रहे है ।

“पत्रकारों को डराने और उनकी आवाज़ दबाने की कोशिशें हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। संदीप ठाकुर के साथ अन्याय हुआ है, इसकी जांच उच्चस्तरीय होनी चाहिए।” विधिक आवाज समाचार समूह 

📢 निष्कर्ष:

क्या अब पत्रकारिता करने की कीमत किसी निर्दोष को जेल में डाल कर चुकाई जाएगी?
क्या पारिवारिक दुश्मनी में कानून का दुरुपयोग होता रहेगा?
क्या पुलिस पहले जांच से पहले किसी की प्रतिष्ठा मिटा सकती है?

यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, पत्रकारिता और न्याय व्यवस्था की असली परीक्षा है।

🔻 विधिक आवाज़ तेजी से लोकप्रिय होता न्यूज चैनल नेटवर्क है। ऐसी ही खबरें प्राप्त करने के लिए जुड़े रहिए विधिक आवाज़ समाचार समूह से।

Previous Post Next Post

Featured Posts

Ads

نموذج الاتصال