उत्तर प्रदेश के बरेली में एक मुस्लिम युवती ने तीन तलाक और हलाला जैसी प्रथाओं से बचने के लिए हिंदू युवक से विवाह कर लिया। इस्लाम धर्म की कुछ प्रथाओं से असंतुष्ट होकर, उसने स्वेच्छा से हिंदू धर्म अपनाया और अपना नाम रूबा से बदलकर रूबी रख लिया।
विधिक आवाज समाचार |बरेली उत्तर प्रदेश
रिपोर्ट राजेश कुमार यादव | दिनांक 12 अप्रैल 2025
विवाह की पृष्ठभूमि
बरेली के शाही क्षेत्र निवासी राजेश की मुलाकात एक साल पहले अलीगढ़ की रहने वाली रूबा से हुई थी। दोनों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ, जो धीरे-धीरे प्रेम में बदल गया। धार्मिक भिन्नता के कारण परिवारों की असहमति के बावजूद, रूबा ने स्वेच्छा से इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपनाने का निर्णय लिया। उसने बरेली आकर अगस्त्य मुनि आश्रम में विधिवत रूप से धर्म परिवर्तन किया और फिर राजेश से विवाह किया।
रूबी की भावनाएं
रूबी ने बताया कि उसे इस्लाम धर्म में तीन तलाक, हलाला और बुर्का जैसी प्रथाएं पसंद नहीं थीं। उसका मानना है कि हिंदू धर्म में महिलाओं को देवी के समान माना जाता है और विवाह को सात जन्मों का बंधन समझा जाता है। उसने यह भी कहा कि वह बालिग है और अपने फैसले खुद लेने में सक्षम है।
सुरक्षा की चिंता
रूबी ने अपनी जान को खतरा बताया है, उसे डर है कि उसके परिवार वाले उसकी हत्या कर सकते हैं। इसलिए, उसने प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है।
यह घटना धार्मिक स्वतंत्रता और व्यक्तिगत पसंद के अधिकारों को लेकर समाज में चल रही बहस को और गहरा करती है।