अमरोहा जिले के हसनपुर क्षेत्र में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। एक किसान की बहन की शादी के मंडप में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब जिला प्रोबेशन अधिकारी के निर्देश पर आई टीम ने दुल्हन को नाबालिग बताकर शादी रुकवा दी और कथित रूप से 50 हजार रुपये की रिश्वत न मिलने पर उसे मंडप से उठा ले गए।
विधिक आवाज समाचार |अमरोहा
रिपोर्ट राजेश कुमार यादव |दिनांक। 15 अप्रैल 2025
घटना का पूरा विवरण:
यह मामला 5 मार्च 2025 का है। किसान अपनी बहन की शादी कर रहा था, तभी गजेंद्र, सुरभि यादव, आदिल, कपिल, अशोक, मनोज, वीरू सहित कुछ अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने दुल्हन को नाबालिग बताते हुए शादी रोकने की धमकी दी और रिश्वत मांगी। किसान ने आधार कार्ड दिखाकर दुल्हन की उम्र 18 साल से अधिक होने का प्रमाण भी दिया, लेकिन उसकी एक नहीं सुनी गई।
रिश्वत के आरोप:
परिजनों का आरोप है कि अधिकारियों ने 50 हजार रुपये की मांग की और न देने पर दुल्हन को जबरन वन स्टॉप सेंटर भेज दिया गया। इस पूरी कार्रवाई के दौरान बाल कल्याण समिति की प्रक्रिया का पालन भी नहीं किया गया।
टूट गई शादी:
बाद में दुल्हन तो परिजनों के पास लौट आई, लेकिन तब तक बारात बिना दुल्हन के लौट चुकी थी और शादी टूट गई। पीड़ित परिवार के अनुसार, उनकी खुशियाँ और इज्जत दोनों मिट्टी में मिल गईं।
कोर्ट की शरण में गया किसान:
स्थानीय पुलिस से न्याय न मिलने पर किसान ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ओमपाल सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी को जांच सौंप दी है और 5 मई 2025 तक रिपोर्ट मांगी है।
यह घटना न केवल प्रशासनिक कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि रिश्वतखोरी और संवेदनहीनता की तस्वीर भी सामने लाती है।