इंदौर | जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हिंदू तीर्थयात्रियों पर हुए इस्लामिक आतंकवादी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इस हमले में न केवल यात्रियों की जानें गईं, बल्कि देश की धर्मनिरपेक्ष छवि पर भी सवाल उठे हैं। इस कायराना हमले के बाद, अखिल भारतीय हिंदू समाज ने इसे एक गंभीर मुद्दा मानते हुए माननीय राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा, जिसमें राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की माँग की गई है।
राष्ट्रीय विधिक आवाज समाचार |इंदौर
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Post by vishwamitra Agnihotri |23 अप्रैल 2025
राष्ट्रपति शासन की माँग: ज्ञापन में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में इस्लामिक आतंकवाद की बढ़ती गतिविधियाँ राज्य की सुरक्षा को गंभीर खतरे में डाल रही हैं। इसलिए, राज्य में तत्काल राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए ताकि वहां की शासन व्यवस्था को बेहतर किया जा सके और आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके।
पीड़ितों को मुआवज़ा और सुरक्षा: ज्ञापन में यह भी अनुरोध किया गया है कि आतंकवादी हमले के शिकार तीर्थयात्रियों के परिजनों को समुचित मुआवज़ा प्रदान किया जाए और उन्हें सुरक्षा का आश्वासन दिया जाए। इसके साथ ही, आने वाली अमरनाथ यात्रा के दौरान हिंदू तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए विशेष सुरक्षा बलों की तैनाती की जाए।
आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई: ज्ञापन में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा इस हमले की साजिश को बताते हुए कहा गया कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि भविष्य में ऐसे हमलों को रोका जा सके।
राज्य सरकार की भूमिका पर सवाल: ज्ञापन में जम्मू-कश्मीर सरकार के इस्लामिक आतंकवाद के प्रति नरम रवैये पर सवाल उठाया गया है और राज्य सरकार से पूरी गंभीरता से आतंकवादियों के खिलाफ कदम उठाने की माँग की गई है।
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान के समर्थन से कार्य कर रहे आतंकवादियों का हाथ है और यह भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को भी नुकसान पहुँचाने की साजिश हो सकती है, खासकर जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति भारत दौरे पर थे।
भारत सरकार से अपील: हिंदू संगठनों ने इस मामले को पूरी गंभीरता से लेते हुए प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से भी तुरंत कार्रवाई की अपील की है। उनका कहना है कि हिंदू तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है, और इसके लिए कड़े कदम उठाए जाने चाहिए।
ज्ञापन के बाद, यह मामला सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो गया है और हिंदू संगठनों ने राष्ट्रपति से तत्काल कार्यवाही की माँग की है।
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निष्कर्ष: इस हमले ने न केवल जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा मुद्दे को उठाया है, बल्कि पूरे देश की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। ऐसे में, इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई की जरूरत है, ताकि इस प्रकार के आतंकवादी हमलों से देशवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया जा सके।
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