बिना बिजली के झटका क्यों लगता है? जानिए इसके पीछे का साइंस


क्या आपको कभी कार का गेट, बैग, कम्बल या किसी मेटल को छूते ही बिजली जैसा झटका लगा है — जबकि वहां कोई तार या बिजली कनेक्शन नहीं था?

⚡विधिक आवाज़ समाचार 
✍️✍️आर्टिकल राइटर विश्वामित्र अग्निहोत्री 

ये कोई असली करंट नहीं होता, बल्कि Static Electricity यानी स्थैतिक विद्युत के कारण होता है। यह एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जो हमारे शरीर और आसपास की चीज़ों के बीच इलेक्ट्रॉन्स के आदान-प्रदान से होती है।

करंट लगने का विज्ञान (Science Behind Static Electricity) हमारी हर चीज़ — कपड़े, कार, शरीर, यहां तक कि हवा — एटम्स (Atoms) से बनी होती है।
हर एटम में तीन पार्ट होते हैं:

इलेक्ट्रॉन (Negative -)

प्रोटॉन (Positive +)

न्यूट्रॉन (Neutral)


जब हम चलते हैं या किसी चीज़ से रगड़ खाते हैं (जैसे ऊनी कपड़े या कार की सीट), तो शरीर में इलेक्ट्रॉन्स जमा होने लगते हैं।

अब जैसे ही हम किसी धातु या अन्य व्यक्ति को छूते हैं, ये इलेक्ट्रॉन्स तेजी से निकलते हैं — और हमें झटका लगता है।

सर्दियों में करंट ज़्यादा क्यों लगता है?
सर्दियों में हवा सूखी (Dry) होती है।

सूखी हवा में इलेक्ट्रॉन्स जल्दी बाहर नहीं निकलते।

जैसे ही आप किसी चीज़ को छूते हैं — वे तेजी से बाहर निकलते हैं और करंट जैसा महसूस होता है।

जबकि गर्मियों में हवा में नमी (Humidity) ज्यादा होती है, जो इलेक्ट्रॉन्स को फैलने से पहले ही खत्म कर देती है। इसलिए गर्मियों में ऐसा कम होता है।

इससे कैसे बचें?
मॉइस्चराइजर लगाएं — सूखी त्वचा में ज्यादा चार्ज बनता है।

ऊनी या सिंथेटिक कपड़े कम पहनें।

कार में बैठने से पहले धातु के हिस्से को पहले धीरे से छुएं।

Anti-static स्प्रे या रबर सोल वाले जूते पहनें।

तो अगली बार जब अचानक आपको करंट जैसा झटका लगे — तो घबराइए नहीं, यह बिजली नहीं, बल्कि आपके शरीर में जमा हुए इलेक्ट्रॉन्स की शरारत है।

रिपोर्ट: विधिक आवाज़ डिजिटल डेस्क
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