चंडीगढ़/पंजाब। पंजाब में रोज़मर्रा के लेन-देन में इस्तेमाल होने वाले छोटे मूल्यवर्ग के नोटों (₹10, ₹20 और ₹50) की भारी किल्लत सामने आई है। यह संकट धीरे-धीरे आर्थिक असंतुलन और उपभोक्ताओं की परेशानियों का कारण बनता जा रहा है।
विधिक आवाज समाचार|पंजाब
विश्वामित्र अग्निहोत्री
13 अप्रैल 2025
ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में छोटे दुकानदार, ऑटो-रिक्शा चालक, ठेले वाले, सब्जी विक्रेता और आम नागरिक इस समस्या से त्रस्त हैं। बैंकों और एटीएम से इन नोटों की आपूर्ति लगभग शून्य हो चुकी है, जिससे रोज़मर्रा की खरीददारी और ट्रांजैक्शन प्रभावित हो रहे हैं।
ब्लैक में बिक रहे नोट?
मामला यहीं नहीं थमता। कई स्थानों से रिपोर्ट मिली है कि बाजार में ₹10 और ₹20 के नए नोट बंडल 500 से 600 रुपये में ब्लैक में बेचे जा रहे हैं। यह स्थिति नकदी की जमाखोरी और कालाबाज़ारी की ओर स्पष्ट इशारा करती है।
किराना व्यापारियों ने उठाई आवाज़
पंजाब प्रदेश रिटेल एंड होलसेल करियाना एसोसिएशन ने इस स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। संगठन के अध्यक्ष प्रमोद गुप्ता और महासचिव सतीश जिंदल ने इस संबंध में RBI लोकपाल चंडीगढ़ को पत्र भेजकर जांच और कार्रवाई की मांग की है।
प्रमुख सवाल
जब बैंक और एटीएम में नोट नहीं, तो ब्लैक में ये कैसे उपलब्ध हैं?
क्या कहीं न कहीं सिस्टम में गड़बड़ी या मिलीभगत है?
क्या छोटे कारोबारियों और आम जनता की समस्याएं प्रशासन के लिए कोई मायने नहीं रखतीं?
मांगें और उम्मीद
व्यापारी संगठनों ने RBI और केंद्र सरकार से जल्द हस्तक्षेप की मांग की है ताकि हालात सामान्य हो सकें। साथ ही, छोटे मूल्यवर्ग की नोटों की सप्लाई नियमित करने और जमाखोरी पर लगाम लगाने के लिए ठोस और पारदर्शी नीति बनाए जाने की भी ज़रूरत जताई गई है।