क़यामपुर क़यामशाह वली दरगाह ईदगाह मैदान में ईद-उल-फित्र की नमाज अदा की गई


आज देशभर में मुस्लिम समुदाय द्वारा हर्षोउल्लास के साथ ईद-उल-फित्र का त्योहार मनाया गया। इस मौके पर मन्दसौर जिले की सीतामऊ तहसील के क़यामपुर गांव में भी खास उत्साह देखने को मिला। क़यामपुर गांव स्थित शाही जामा मस्जिद के इमाम साहब की अगुवाई में ईदगाह मैदान में ईद की नमाज अदा की गई। नमाज के बाद समस्त मुस्लिम समुदाय ने एक-दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी और एकजुटता, भाईचारे और अमन चैन की दुआ मांगी।


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विधिक आवाज़ न्यूज़
पत्रकार सेराज मंसूरी* की रिपोर्ट*

ईद की नमाज और धार्मिक रस्में

ईद-उल-फित्र की नमाज के दौरान मुस्लिम समाज के लोगों ने अल्लाह से अपने परिवार और देशवासियों के लिए खुशहाली, समृद्धि और शांति की दुआ मांगी। इस पवित्र अवसर पर इमाम साहब ने समुदाय के सभी लोगों से अमन और भाईचारे के संदेश को आगे बढ़ाने की अपील की। नमाज के बाद, लोगों ने एक-दूसरे को गले लगा कर ईद की बधाई दी और पारंपरिक रूप से छोटे बच्चों को इदी दी गई, जो उनके चेहरे पर खुशी और उल्लास का प्रतीक बनी।


भाईचारे और सामाजिक समरसता का संदेश

यही नहीं, इस मौके पर हिन्दू समुदाय के लोग भी ईदगाह पहुंचे और मुस्लिम भाइयों को ईद की मुबारकबाद दी। यह दृश्य सामाजिक सौहार्द और धार्मिक एकता का प्रतीक था। क़यामपुर गांव के वरिष्ठ मुस्लिम नागरिकों ने आपसी भाईचारे और शांति की भावना को बढ़ावा देने के लिए एक-दूसरे को बधाई दी और साथ ही सेवाइयां और मिठाइयाँ बांटी, ताकि सबका मुंह मीठा हो सके। गांव के वरिष्ठों ने सभी को यह संदेश दिया कि हम सभी को एकजुट होकर हमेशा भाईचारे के साथ रहना चाहिए और किसी भी प्रकार की धार्मिक या सांप्रदायिक विद्वेष से बचना चाहिए।


समाज में प्यार और सहयोग की भावना

ईद का त्योहार न सिर्फ एक धार्मिक अवसर है, बल्कि यह समाज में एकता, प्यार और सहयोग की भावना को बढ़ावा देने का भी एक माध्यम है। क़यामपुर गांव में इस दिन का आयोजन एक बेहतरीन उदाहरण है कि किस प्रकार विभिन्न धर्म और समुदाय एक दूसरे के साथ शांति से रहते हैं और आपसी सहयोग से समाज को मजबूत बनाते हैं। 

इस दिन को याद करते हुए, लोगों ने अपने रिश्तों को और भी मजबूत किया और साथ ही आगामी दिनों में भी इसी तरह के भाईचारे और एकता के संदेश को फैलाने का संकल्प लिया।

आगे का संदेश

इस अवसर पर सभी ने भाईचारे, एकता और शांति के लिए दुआ की और यह सुनिश्चित करने का प्रण लिया कि हम सभी समाज के विभिन्न हिस्सों को एकजुट करें। यही असली संदेश है जिसे ईद का यह त्योहार देता है, जो केवल धार्मिक परंपरा से जुड़ा नहीं, बल्कि समाज में प्रेम और सौहार्द का एक पवित्र संदेश भी लेकर आता है।
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