चीन को मिला दुर्लभ खनिजों का खजाना, वैश्विक बाजार में बढ़ेगा दबदबा!


बीजिंग | चीन के युन्नान प्रांत में दुर्लभ खनिज तत्वों (Rare Earth Elements) का एक विशाल भंडार मिला है, जिसे देश के अब तक के सबसे बड़े मध्यम और भारी खनिज संसाधनों में से एक माना जा रहा है। इस खोज से चीन की इलेक्ट्रिक वाहन (EV), हाई-टेक इंडस्ट्री और रक्षा उत्पादन क्षमता को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा।

कैसे हुआ खनिज भंडार का खुलासा?

इस भंडार की पहली जानकारी जनवरी में सामने आई थी। इसके बाद चीन के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (China Geological Survey - CGS) ने विस्तृत जांच की और अब इसकी पुष्टि कर दी है। युन्नान प्रांत, जो पहले से ही एल्यूमीनियम, जस्ता और टिन के बड़े भंडारों के लिए प्रसिद्ध है, अब इस नए खनिज संसाधन की खोज के चलते और भी महत्वपूर्ण हो गया है।

वैश्विक अर्थव्यवस्था और रणनीतिक प्रभाव

चीन पहले से ही दुर्लभ खनिजों (Rare Earth Minerals) का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है। इन तत्वों का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स, बैटरी, चिप निर्माण और रक्षा उपकरणों में किया जाता है। अब इस नए भंडार से चीन की पकड़ इन संसाधनों पर और मजबूत हो जाएगी, जिससे वैश्विक स्तर पर चीन की आपूर्ति शक्ति और दबदबा बढ़ सकता है।

भारत और अन्य देशों के लिए क्या मायने रखता है?

दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति पर चीन की बढ़ती पकड़ भारत और अमेरिका समेत कई देशों के लिए चिंता का विषय हो सकती है। खासतौर पर इलेक्ट्रिक वाहनों और हाई-टेक इंडस्ट्री में इन खनिजों की जरूरत लगातार बढ़ रही है। ऐसे में भारत को अपनी खनिज नीति को मजबूत करने और अन्य स्रोतों पर निर्भरता बढ़ाने की जरूरत होगी।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

अमेरिका और यूरोपीय संघ पहले ही चीन की खनिज नीति को लेकर सतर्क हैं और वैकल्पिक आपूर्ति श्रृंखलाओं की तलाश कर रहे हैं। यह खोज वैश्विक बाजारों में अस्थिरता ला सकती है क्योंकि चीन इन खनिजों के निर्यात को सीमित कर सकता है, जिससे अन्य देशों को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

विधिक आवाज़ समाचार ✍️✍️✍️



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