हरिद्वार में अवैध पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट, मकान के उड़े परखच्चे, मालिक का उड़ गया हाथ_


हरिद्वार: हरिद्वार का ज्वालापुर इलाका आज सोमवार की सुबह भीषण विस्फोट से दहल गया. यहां पटाखों और पटाखे बनाने के लिए रखी सामग्री में विस्फोट हो गया. धमाका इतना भीषण था कि मकान के परखच्चे उड़ गए. अंदर मौजूद एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया. स्थानीय लोगों ने उसे एंबुलेंस से जिला अस्पताल भिजवाया. वहां से उसकी हालत गंभीर देखते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया. घटना के बाद पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जानकारी जुटाई.

विधिक आवाज समाचार  |हरिद्वार उत्तराखंड 
रिपोर्ट राजेश कुमार यादव |11मार्च 2025

पटाखों की अवैध फैक्ट्री में विस्फोट: प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना सोमवार सुबह करीब 7:45 बजे की है. जब लोधामंडी निवासी आजाद अली घर की पहली मंजिल पर बने कमरे के अंदर आतिशबाजी के लिए पटाखे बनाने का कार्य कर रहा था. बताया गया कि तभी अचानक विस्फोट हो गया. धमाका इतना जबरदस्त था कि कमरे की छत उड़ गई. दीवार भी टूट कर अलग हो गई. इस दौरान आजाद अली मलबे के अंदर दब गया.

विस्फोट से मकान के उड़े परखच्चे: धमाके की आवाज से आसपास के लोगों में भी हड़कंप मच गया. जब लोग मौके पर पहुंचे, तो आजाद अली मलबे के नीचे दबा हुआ था और बुरी तरह जख्मी हो गया था. लोगों ने से किसी तरह मलबे से उसे बाहर निकाला. इसके बाद 108 एंबुलेंस बुलाकर उसे जिला अस्पताल ले गए. जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार देने के बाद उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया.

पटाखे बना रहा शख्स बुरी तरह घायल: जानकारी मिलते ही हरिद्वार के ज्वालापुर कोतवाल प्रदीप बिष्ट टीम के साथ मौके पर पहुंचे. उन्होंने घटना की जानकारी जुटाई. इस दौरान सामने आया कि इस पटाखा बनाने की सामग्री में विस्फोटक हुआ, जिससे यह हादसा हुआ है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है. सामने आया कि आजाद अली की पत्नी बाहर थी. बच्चे नीचे वाले कमरे में मौजूद थे.

धमाके की फॉरेंसिंक जांच शुरू: एसपी सिटी पंकज गैरोला, सीओ ज्वालापुर अविनाश वर्मा ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर जायजा लिया. कोतवाली प्रभारी प्रदीप बिष्ट ने बताया कि हादसे की जांच की जा रही है. घायल का एम्स में उपचार चल रहा है. वहीं एसपी सिटी पंकज गैरोला ने कहा कि-

हमें पता चला कि ज्वालापुर में एक घर में विस्फोट हुआ है. हमारी टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची. इस घर में पटाखों का काम चल रहा था. पटाखे बनाने वाला व्यक्ति बुरी तरह घायल है. उसे एम्स ऋषिकेश भेजा गया है. आजाद अली के पास लाइसेंस नहीं था. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ये व्यक्ति पटाखे बनाता था. फॉरेसिंक की टीम जांच कर रही है.

-पंकज गैरोला, एसपी सिटी, हरिद्वार- 

अवैध पटाखा फैक्ट्रियों और गोदामों में लापरवाही से दीपावली के आसपास आग लगने और ब्लास्ट होने की घटनाएं देश भर में होती रहती हैं. लेकिन इस समय हुए ब्लास्ट को लेकर पुलिस भी सख्ती से जांच कर रही है. पटाखे बनाने वाला खुद इस घटना में गंभीर घायल है तो पुलिस अभी उससे पूछताछ करने की स्थिति में नहीं है.
2 साल पहले पटाखों के गोदाम में लगी थी आग:  

गौरतलब है कि 20 फरवरी 2023 को हरिद्वार जिले के ही रुड़की में अवैध पटाखों के गोदाम में भीषण आग लगी थी. गोदाम में रखे पटाखे बम की तरह फट गए थे. इस हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई थी. पटाखों में विस्फोट से भड़की आग को बुझाने में फायर ब्रिगेड को पूरे 3 घंटे लगे थे. आग की चपेट में आसपास की 5 अन्य दुकानें भी आई थीं. पुलिस ने अवैध पटाखों के गोदाम के मालिक को गिरफ्तार किया था.

पटाखा फैक्ट्री लगाने के लिए कैसे बनता है लाइसेंस? 

पटाखे चूंकि खतरनाक पदार्थ हैं तो इसके लिए लाइसेंस बनाना भी उतना ही जटिल है. पटाखे का स्थाई लाइसेंस लेने के लिए अपने क्षेत्र के पुलिस आयुक्त या जिला मजिस्ट्रेट से संपर्क करना पड़ता है. उन्हें अपनी दुकान खोलने की योजना के बारे में बताना पड़ता है. उनसे पटाखे की दुकान खोलने के लिए आवश्यक लाइसेंस और अनुमतियों के बारे में जानकारी लेनी होती है.

क्या दस्तावाेज जरूरी होते हैं? आवश्यक दस्तावेज जैसे कि व्यापार पंजीकरण, पहचान पत्र, पता प्रमाण आदि दिखाने होते हैं. लाइसेंस फॉर्म भरने के साथ ही आवश्यक शुल्क जमा करना पड़ता है. सुरक्षा और स्वास्थ्य नियमों का सख्ती से पालन करना होता है. लाइसेंस प्राप्त होने के बाद, अपनी दुकान खोल सकते हैं.

पटाखा फैक्ट्री के नियम: पटाखा फैक्ट्री और दुकान आबादी के करीब एक किलोमीटर दूरी पर होने चाहिए. बिजली सप्लाई के हाइटेंशन तार और ट्रांसफार्मर के आसपास पटाखा फैक्ट्री नहीं होनी चाहिए. फायर ब्रिगेड और संबंधित थाने की पुलिस की एनओसी यानी नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट के बाद ही फैक्ट्री शुरू कर सकते हैं. 

पटाखा फैक्ट्री के मालिक और दुकानदार के पास लाइसेंस होना अनिवार्य है. फैक्ट्री या दुकान में दीवारों पर ध्रूमपान निषेध की सूचना का बोर्ड लगाना जरूरी है. जो व्यक्ति पटाखे खरीद रहा है, उसका नाम लिखा होना आवश्यक है. 

अग्निशमन यंत्र, आग बुझाने के लिए रेत भरी बाल्टी और पानी की व्यवस्था जरूर होनी चाहिए. फैक्ट्री या दुकान में गैस सिलेंडर, लैंप, लालटेन, अगरबत्ती सहित ज्वलनशील पदार्थ पर पाबंदी होती है. फैक्ट्री मालिक और कर्मचारियों को अग्निशमन यंत्र चलाने की जानकारी होनी चाहिए. मौके पर प्राथमिक उपचार, फर्स्ट एड बॉक्स जरूर होना चाहिए.



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