दिल्ली की जेलों में ओवरक्राउडिंग एक गंभीर समस्या बन गई है, जहां 10,000 की क्षमता के मुकाबले 19,000 कैदी बंद हैं. तिहाड़ की जेल नंबर 1 और 4 में क्षमता से 4-5 गुना अधिक कैदी हैं, जबकि कुछ मंडोली जेल परिसरों में कैदियों की संख्या कम है. अंडरट्रायल कैदियों की संख्या सजायाफ्ता कैदियों से आठ गुना अधिक है, जिससे जेलों पर दबाव बढ़ रहा है.
विधिक आवाज समाचार |नई दिल्ली
रिपोर्ट राजेश कुमार यादव |दिनांक 30 मार्च 2025