IAS अधिकारी राजीव रंजन पर CBI का शिकंजा, आय से अधिक संपत्ति और घोटालों की जांच तेज। हजारों फर्जी शस्त्र लाइसेंस, करोड़ों की अवैध संपत्ति – क्या रंजन फंसेंगे कानूनी जाल में?


IAS राजीव रंजन पर CBI का शिकंजा, आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज
जम्मू-कश्मीर में राजस्व सचिव के रूप में तैनात, कई ठिकानों पर CBI की छापेमारी , शस्त्र लाइसेंस घोटाले में भी आरोपी, 100 करोड़ रुपये से अधिक की अनियमितताओं की जांच जारी


आय से अधिक संपत्ति के मामले में आईएएस अधिकारी कुमार राजीव रंजन और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मामला दर्ज किया है। मामले से परिचित लोगों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। रंजन, जो वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में राजस्व विभाग के सचिव के रूप में तैनात हैं, इससे पहले कुपवाड़ा के डिप्टी कमिश्नर थे और केंद्र शासित प्रदेश में गैर-निवासियों को हजारों हथियार लाइसेंस जारी करने में अनियमितताओं की एजेंसी की जांच के दायरे में थे। 2010 बैच के आईएएस अधिकारी रंजन को उनके परिवार के सदस्यों - कृपा शंकर रॉय और दुलारी देवी, तथा अज्ञात अन्य के साथ सीबीआई द्वारा 17 फरवरी को दर्ज प्राथमिकी में आरोपी बनाया गया है। संघीय एजेंसी ने बुधवार को रंजन के जम्मू स्थित कार्यालय और वाराणसी, श्रीनगर तथा गुरुग्राम सहित सात स्थानों पर तलाशी ली थी।

साल 2019 से, सीबीआई जम्मू-कश्मीर के कई जिलों में 2012 से 2016 के बीच गैर-हकदार व्यक्तियों को जिला मजिस्ट्रेट, उपायुक्त और लाइसेंसिंग अधिकारियों द्वारा अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करके मौद्रिक लाभ के बदले में 2.78 लाख से अधिक शस्त्र लाइसेंस जारी करने में अनियमितताओं की जांच कर रही है। एजेंसियों ने अनुमान लगाया है कि यह कथित घोटाला 100 करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है। पिछले साल नवंबर में, केंद्र ने शस्त्र लाइसेंस जांच में रंजन पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी। इस मामले में एजेंसी ने जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों में तैनात कुल आठ आईएएस अधिकारियों के खिलाफ मंजूरी मांगी थी। हालांकि, सीबीआई ने राजीव रंजन के खिलाफ नवीनतम आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले में यह खुलासा नहीं किया है कि उन्होंने कितनी संपत्ति अर्जित की है।

इस पूरे रैकेट का खुलासा मूल रूप से राजस्थान पुलिस ने 2017 में किया था। इसके बाद राजस्थान पुलिस ने जम्मू-कश्मीर सरकार को कई पत्र लिखे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। राजस्थान एटीएस (आतंकवाद निरोधी दस्ता) ने दावा किया था कि जम्मू क्षेत्र के डोडा, रामबन और उधमपुर जिलों में जारी किए गए 1,43,013 लाइसेंसों में से 1,32,321 लाइसेंस राज्य के बाहर रहने वालों को जारी किए गए थे। पूरे राज्य के लिए यह आंकड़ा 4,29,301 होने का अनुमान है, जिनमें से केवल 10 प्रतिशत लाइसेंस राज्य के निवासियों को जारी किए गए थे।




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