बांग्लादेश में जब से मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में सरकार बनी है, भारत विरोधी गतिविधियों की बाढ़ सी आ गई है. शुरू में भारत ने इसे बहुत हल्के में लिया और उम्मीद जताई कि शायद मुहम्मद यूनुस हालात को बेहतर ढंग से संभाल लेंगे. लेकिन जब स्थितियां बिगड़ती चली गईं तो अब भारत ने अपना गियर बदल लिया है.
विधिक आवाज समाचार| बंग्लादेश
रिपोर्ट राजेश कुमार यादव | दिनांक 26/2/2025
भारत बांग्लादेश पर टाइट होता नजर आ रहा है. एक दिन पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बांग्लादेश को दो टूक कहा था कि बांग्लादेश तय कर ले भारत के साथ किस तरह का संबंध रखना चाहता है. अब नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) अजित डोभाल ने कुछ ऐसा किया है, जिससे यूनुस का परेशान होना तय है.
अजित डोभाल सोमवार को विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन (VIF) की ओर से आयोजित एक प्रदर्शनी देखने पहुंच गए. इस प्रदर्शनी में बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे उत्पीड़न की कहानी बयां की गई है. वो तस्वीरें लगी हैं, जो बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों का दर्द बयां करती हैं. अजित डोभाल उन तस्वीरों को बहुत गंभीरता से निहारते नजर आए. यह प्रदर्शनी FACT (फाउंडेशन अगेंस्ट कंटीन्यूइंग टेररिज्म) ने लगाई थी. इसमें अल्पसंख्यकों के ह्यूमन राइट्स वायलेशन, जबरन विस्थापन और धार्मिक अल्पसंख्यकों जैसे हिंदू, बौद्ध, ईसाई और अहमदिया मुस्लिमों की स्थिति को दिखाया गया था. उनकी तस्वीरें लगाई गई थीं. इस कार्यक्रम में अजित डोभाल की मौजूदगी बताती है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों खासकर हिन्दुओं की सुरक्षा को लेकर भारत कितना गंभीर है.
हालात पर चर्चा
यहां बांग्लादेश में हिन्दुओं की सुरक्षा और मानवाधिकारों पर चर्चा भी हुई. इस पैनल में पूर्व उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सतीश चंद्र, बांग्लादेश में भारत की पूर्व उच्चायुक्त वीना सिकरी, जर्नलिस्ट फ्रांस्वा गौतियर और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. अनिर्बान गांगुली शामिल थे. सभी ने अल्पसंख्यकों के साथ हो रही बर्बरता, उनके उत्पीड़न पर गंभीर चिंता जताई. इससे निपटने के उपायों पर चर्चा की.
जयशंकर ने क्या कहा था?
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक दिन पहले ही बांग्लादेश को सख्त संदेश दिया था. एक सार्वजनिक कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा, बांग्लादेश सरकार के लोग रोज भारत पर इल्जाम लगाते हैं. कुछ इल्जाम तो बिल्कुल बेतुके होते हैं. आप एक तरफ तो अच्छे रिश्तों की बात करते हैं, लेकिन दूसरी तरफ अपनी हर गलती के लिए हमें जिम्मेदार ठहराते हैं. बांग्लादेश को तय करना होगा कि वो क्या चाहता है. दोनों देशों के रिश्तों में दो तरह की समस्याएं हैं. पहली, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले और दूसरी, बांग्लादेश की अपनी राजनीति. इसे उन्हें समझना होगा.