इंदौरः विधिक आवाज समाचार समूह: 10 नवंबर 2024
सुरक्षा और तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज करते हुए, इंदौर की अग्रणी ड्रोन और रक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी, पिसर्व टेक्नोलॉजीज ने कनाड़िया पुलिस स्टेशन में इंदौर पुलिस के सहयोग से एंटी-ड्रोन सिस्टम का सफल ट्रायल रन पूरा किया। यह ट्रायल DCP Zone 2 श्री अभिनय विश्वकर्मा एडिशनल डीसीपी अमरेंद्र सिंह के निर्देशन में आयोजित किया गया और सुरक्षा के क्षेत्र में एक नया आयाम जोड़ा। पिसर्व टेक्नोलॉजीज के सीईओ अभिषेक मिश्रा के साथ दुर्गेश शुक्ला, रोशनी शुक्ला और अक्षत सिंह चौहान ने इस ट्रायल का संचालन किया, जिसमें ACP Khajrana श्री कुंदन मंडलोई कनाड़िया पुलिस स्टेशन थाना प्रभारी श्री योगेंद्र सिंह सिसोदिया की टीम ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
एंटी-ड्रोन सिस्टम का परीक्षण उन तकनीकों और उपकरणों का परीक्षण होता है, जिनका उद्देश्य ड्रोन की पहचान, उनका पता लगाना, उनका पीछा करना और जरूरत पड़ने पर उन्हें निष्क्रिय या नष्ट करना होता है। यह परीक्षण मुख्य रूप से सुरक्षा और रक्षा उद्देश्यों के लिए किया जाता है, खासकर महत्वपूर्ण स्थलों, सैन्य क्षेत्रों, हवाई अड्डों और सार्वजनिक आयोजनों को ड्रोन से उत्पन्न खतरों से बचाने के लिए।
इस अत्याधुनिक एंटी-ड्रोन सिस्टम ने अपने ट्रायल के दौरान उच्च दक्षता का प्रदर्शन किया। यह सिस्टम ड्रोन, पक्षियों और अन्य उड़ने वाले वस्तुओं के बीच अंतर को सटीकता से पहचानने में सक्षम है। खास बात यह है कि जब कोई संदिग्ध या दुश्मन ड्रोन 1 किलोमीटर की सीमा में प्रवेश करता है, तो यह प्रणाली तुरंत अलार्म बजा कर सुरक्षा बलों को सतर्क कर देती है। अलार्म बजने के बाद, सुरक्षा बल तुरंत कार्रवाई करते हुए ड्रोन को निष्क्रिय कर सकते हैं।
एंटी-ड्रोन सिस्टम परीक्षण के मुख्य उद्देश्य:
ड्रोन का पता लगाना और पहचानना:
परीक्षण में यह देखा जाता है कि सिस्टम विभिन्न प्रकार के ड्रोन (छोटे, बड़े, कम ऊंचाई पर उड़ने वाले) का सही तरीके से पता लगा पाता है या नहीं।
ड्रोन को ट्रैक करना:
यह सुनिश्चित किया जाता है कि सिस्टम ड्रोन की गति, दिशा और ऊंचाई को सटीक रूप से ट्रैक कर सके, ताकि उसकी गतिविधियों पर नज़र रखी जा सके।
सिग्नल जाम करना या ड्रोन को नियंत्रित करना:
कई एंटी-ड्रोन सिस्टम्स ड्रोन के कंट्रोल सिग्नल्स को जाम कर देते हैं, जिससे ड्रोन उड़ान पर नियंत्रण खो देता है या उसे वापस बेस पर भेजा जा सकता है।
ड्रोन को निष्क्रिय करना या नष्ट करना:
अगर ड्रोन गंभीर खतरे का कारण बनता है, तो एंटी-ड्रोन सिस्टम उसे निष्क्रिय या नष्ट करने की क्षमता रखता है। यह लेजर, माइक्रोवेव या अन्य फिजिकल हथियारों से किया जा सकता है।
यह भारत में कुछ ही मौके रहे है जब एंटी-ड्रोन सिस्टम का परीक्षण पुलिस बल के साथ मिलकर किया गया है, जिससे यह तकनीक न केवल देश की रक्षा प्रणाली को और मजबूत करेगी बल्कि सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक नया और प्रभावी उपकरण भी साबित होगी। पिसर्व टेक्नोलॉजीज का उद्देश्य इस सिस्टम को जल्द से जल्द तैनात करना है ताकि देश की सुरक्षा को अभेद्य बनाया जा सके।
✍️पोस्ट बाय विश्वामित्र अग्निहोत्री सह संपादक विधिक आवाज समाचार समूह : 08827444598