अवैध शराब की शिकायत कैसे करें ? और इसे कैसे रोका जा सकता है ? आपके सारे सवालों के जवाब मिलेंगे यहां पर ....


क्या शराब का ठेकेदार शराब अपनी दुकान के अतिरिक्त भी कहीं और से बैच सकता है ?

विधिक आवाज समाचार समूह : 3 नवंबर 2024 
Post by:  Vishwamitra Agnihotri 

नहीं, शराब का ठेकेदार (लाइसेंसधारी) केवल अपनी अधिकृत दुकान या स्थान से ही शराब बेच सकता है। शराब बेचने के लिए जो लाइसेंस जारी किया जाता है, वह एक विशेष स्थान के लिए होता है, और ठेकेदार को उस स्थान पर ही शराब बेचने का अधिकार होता है। किसी अन्य स्थान से शराब बेचने पर यह अवैध माना जाएगा और इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

इसके अलावा, शराब की बिक्री से संबंधित नियम और शर्तें राज्य सरकार द्वारा तय की जाती हैं, इसलिए कुछ नियम राज्यों के अनुसार भिन्न हो सकते हैं।


शराब ठेकेदारों के लिए शराब बेचने के लिए क्या नियम होते हैं ?

शराब बेचने के लिए शराब ठेकेदारों (लाइसेंसधारियों) पर विभिन्न नियम और शर्तें लागू होती हैं। ये नियम राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किए जाते हैं, और राज्य की आबकारी नीति के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। हालांकि, सामान्य तौर पर कुछ मुख्य नियम इस प्रकार हैं:

1. लाइसेंस की आवश्यकता:

शराब बेचने के लिए शराब ठेकेदार के पास संबंधित राज्य सरकार द्वारा जारी किया गया वैध लाइसेंस होना आवश्यक है।

लाइसेंस एक विशेष अवधि और स्थान के लिए होता है, और इसे हर वर्ष या समय-समय पर नवीनीकृत करना पड़ता है।

2. बेचने का स्थान:

ठेकेदार केवल अपने लाइसेंस में निर्दिष्ट दुकान या स्थान से ही शराब बेच सकता है।

किसी अन्य स्थान से शराब बेचना अवैध माना जाता है।

3. खुलने और बंद होने का समय:

शराब की दुकानें केवल सरकार द्वारा निर्धारित समय के दौरान ही खुली रह सकती हैं।

निर्धारित समय के बाहर शराब बेचना गैरकानूनी है।

4. शराब बेचने की मात्रा:

ठेकेदारों को एक बार में अधिकतम कितनी मात्रा में शराब बेची जा सकती है, इसका भी नियम होता है। यह नियम उपभोक्ता द्वारा खरीदी जा रही शराब की मात्रा पर लागू होता है।

5. उम्र सीमा:

शराब केवल उन्हीं लोगों को बेची जा सकती है, जो वैध आयु सीमा (18, 21 या 25 वर्ष, राज्य के आधार पर) को पूरा करते हों। ठेकेदार को ग्राहकों से पहचान पत्र माँगने का अधिकार है।

6. मूल्य निर्धारण:

शराब की बिक्री सरकारी कीमतों पर ही की जानी चाहिए। ठेकेदारों को शराब के निर्धारित से अधिक कीमत पर शराब बेचने की अनुमति नहीं होती है।

7. शराब का भंडारण:

ठेकेदार को शराब का भंडारण केवल लाइसेंस में निर्दिष्ट स्थानों पर ही करना होगा।

अवैध रूप से शराब का भंडारण, बिना लाइसेंस वाली जगह पर शराब रखना, या शराब की तस्करी करना गैरकानूनी होता है।

8. शराब का विज्ञापन:

भारत में शराब के प्रचार-प्रसार (विज्ञापन) पर कड़ी पाबंदी है। ठेकेदार किसी भी प्रकार का प्रचार या विज्ञापन नहीं कर सकते।

9. विशेष दिवस पर बिक्री की रोक:

कुछ खास अवसरों, चुनाव, राष्ट्रीय त्योहारों या धार्मिक आयोजनों के दौरान राज्य सरकार शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा सकती है। इसे "ड्राई डे" कहा जाता है।

10. सामाजिक जिम्मेदारी:

शराब ठेकेदारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे नशे की हालत में लोगों को शराब न बेचें। इसके साथ ही शराब की दुकानें स्कूलों, धार्मिक स्थलों और आवासीय क्षेत्रों से दूर स्थित होनी चाहिए।

इन नियमों का उल्लंघन करने पर ठेकेदारों पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है, उनका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है, और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।


शराब ठेकेदार अगर अवैध शराब बैचता है तो उस पर क्या कार्रवाई की जानी चाहिए ?

अगर कोई शराब ठेकेदार अवैध शराब बेचता है या तस्करी करता है, तो उस पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। अवैध शराब बेचना एक गंभीर अपराध माना जाता है, और इसके लिए विभिन्न दंड प्रावधान होते हैं। इस तरह के मामलों में ठेकेदार पर निम्नलिखित कार्रवाई की जा सकती है:

1. लाइसेंस रद्द करना:

राज्य सरकार ठेकेदार का शराब बेचने का लाइसेंस तुरंत रद्द कर सकती है। ऐसा होने पर ठेकेदार को भविष्य में शराब बेचने का अधिकार नहीं होगा।

2. कानूनी कार्रवाई:

ठेकेदार पर आबकारी अधिनियम (Excise Act) और संबंधित राज्य के कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।

दोषी पाए जाने पर उसे जेल की सजा हो सकती है, जो कुछ मामलों में कई वर्षों तक की हो सकती है।

3. जुर्माना:

ठेकेदार पर भारी आर्थिक दंड (जुर्माना) लगाया जा सकता है। यह जुर्माना लाखों रुपये तक हो सकता है, जो अपराध की गंभीरता के आधार पर तय होता है।

4. सम्पत्ति जब्त करना:

अवैध शराब की तस्करी या बिक्री से प्राप्त संपत्ति को जब्त किया जा सकता है।

शराब के स्टॉक, गोदाम, या वाहन को जब्त किया जा सकता है जिनका उपयोग अवैध शराब की आपूर्ति में हुआ हो।

5. शराब का नष्ट करना:

जब्त की गई अवैध शराब को नष्ट कर दिया जाता है। इसके लिए स्थानीय प्रशासन या पुलिस विशेष अभियान चलाती है।

6. आपराधिक रिकॉर्ड:

दोषी पाए जाने पर ठेकेदार का आपराधिक रिकॉर्ड दर्ज हो सकता है, जो उसके भविष्य के व्यवसाय और कानूनी गतिविधियों को प्रभावित कर सकता है।

7. पुलिस हिरासत:

यदि ठेकेदार अवैध शराब से जुड़े बड़े नेटवर्क का हिस्सा है, तो उसे हिरासत में लेकर विस्तृत पूछताछ की जा सकती है। इससे अन्य अपराधियों तक पहुँचने में मदद मिलती है।

8. सामाजिक बदनामी:

इस तरह के मामलों में ठेकेदार की सामाजिक प्रतिष्ठा भी नष्ट हो जाती है। यह उसके भविष्य के व्यवसाय पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है।

9. लोक शिकायत और जांच:

यदि ठेकेदार पर अवैध शराब बेचने का संदेह हो, तो उसके खिलाफ स्थानीय लोग शिकायत दर्ज करा सकते हैं, जिसके बाद सरकार या पुलिस द्वारा जांच शुरू की जाती है।

10. आबकारी अधिकारियों की सख्ती:

आबकारी विभाग के अधिकारी नियमित रूप से ठेकेदारों की दुकानों की जांच करते हैं। अगर वे किसी तरह की गड़बड़ी या अवैध गतिविधि पकड़ते हैं, तो वे तुरंत कार्रवाई कर सकते हैं।

अवैध शराब की बिक्री कई बार जहरीली शराब की घटनाओं का कारण बनती है, जिससे लोगों की जान भी जा सकती है। इसलिए सरकार और कानून व्यवस्था इस पर सख्ती से निगरानी रखती है और दोषियों पर त्वरित कार्रवाई करती है।


अवैध शराब की शिकायत कैसे करें ? और इसे कैसे रोका जा सकता है ?

अवैध शराब की बिक्री एक गंभीर समस्या है जो स्वास्थ्य, सुरक्षा और सामाजिक शांति को प्रभावित कर सकती है। इसे रोकने के लिए सरकार और जनता दोनों को जागरूक होना आवश्यक है। अगर आपको अवैध शराब के बारे में जानकारी है, तो आप निम्नलिखित तरीकों से शिकायत कर सकते हैं और इसे रोकने में मदद कर सकते हैं:

1. अवैध शराब की शिकायत कैसे करें:

(i) लोकल पुलिस स्टेशन में शिकायत:

सबसे सीधा तरीका यह है कि आप अपने निकटतम पुलिस स्टेशन में जाकर शिकायत दर्ज कराएं। पुलिस अवैध शराब बेचने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकती है।

(ii) आबकारी विभाग में शिकायत:

राज्य के आबकारी विभाग (Excise Department) में भी आप अवैध शराब की शिकायत दर्ज करा सकते हैं। प्रत्येक राज्य का आबकारी विभाग अवैध शराब के मामलों की निगरानी और जांच करता है।

आबकारी विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की सुविधा भी होती है।

(iii) हेल्पलाइन नंबर:

कई राज्यों में अवैध शराब की शिकायत दर्ज कराने के लिए विशेष हेल्पलाइन नंबर होते हैं। आप इन हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल कर अवैध शराब के बारे में सूचना दे सकते हैं।

उदाहरण: कई राज्यों में '100' या '112' आपातकालीन सेवाओं के तहत भी अवैध शराब की शिकायत की जा सकती है।

(iv) ऑनलाइन शिकायत:

कई राज्य सरकारें अवैध शराब से संबंधित शिकायतों के लिए ऑनलाइन पोर्टल चलाती हैं। आप वहां जाकर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। शिकायत को गोपनीय रखा जाता है।

(v) मोबाइल ऐप्स:

कुछ राज्यों में आबकारी विभाग ने मोबाइल ऐप्स लॉन्च किए हैं, जिनके माध्यम से लोग अवैध शराब की रिपोर्ट कर सकते हैं।

(vi) अनाम शिकायत:

यदि आप अपनी पहचान सार्वजनिक नहीं करना चाहते, तो आप अनाम रूप से भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। पुलिस या आबकारी विभाग गोपनीयता का ध्यान रखता है।

2. अवैध शराब को रोकने के उपाय:

(i) जागरूकता अभियान:

अवैध शराब से होने वाले नुकसान के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए स्थानीय समुदायों में अभियान चलाया जा सकता है।

स्कूलों, कॉलेजों, और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं ताकि लोग अवैध शराब के खतरों को समझ सकें।

(ii) सख्त कानून:

सरकार को अवैध शराब की तस्करी और बिक्री के खिलाफ सख्त कानून बनाने और उनका पालन सुनिश्चित करने की जरूरत होती है।

शराब पर लागू होने वाले कानूनों को और कड़ा किया जा सकता है, ताकि अवैध शराब के मामलों में तुरंत और कड़ी सजा दी जा सके।

(iii) पुलिस और आबकारी विभाग की नियमित जांच:

पुलिस और आबकारी विभाग को नियमित रूप से शराब की दुकानों और संदिग्ध स्थानों की जांच करनी चाहिए। छापेमारी और त्वरित कार्रवाई से अवैध गतिविधियों को रोका जा सकता है।

(iv) कम्युनिटी वॉच और स्थानीय सहयोग:

स्थानीय समुदायों को संगठित होकर अवैध शराब की बिक्री की जानकारी साझा करनी चाहिए। लोग अपने क्षेत्र में क्या हो रहा है, इस पर नज़र रखें और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत सूचना दें। 

अगर अवैध शराब बिक्री में पुलिस विभाग और आबकारी विभाग ही सम्मिलित हो तो इनकी शिकायत कहां करें ।

यदि अवैध शराब की बिक्री में पुलिस विभाग या आबकारी विभाग के अधिकारी ही सम्मिलित हों, तो यह स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। ऐसे मामलों में भ्रष्टाचार और सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत के खिलाफ प्रभावी शिकायत दर्ज कराना जरूरी है। इस तरह की शिकायतों के लिए कुछ महत्वपूर्ण संस्थान और विकल्प उपलब्ध हैं:

अगर अवैध शराब बिक्री में पुलिस विभाग और आबकारी विभाग ही सम्मिलित हो तो इनकी शिकायत कहां करें ? 

1. विजिलेंस विभाग (Vigilance Department):

विजिलेंस विभाग का मुख्य कार्य सरकारी अधिकारियों और विभागों में भ्रष्टाचार की रोकथाम करना होता है। यदि आपको पुलिस या आबकारी विभाग के अधिकारियों की अवैध शराब बिक्री में संलिप्तता का पता चलता है, तो आप विजिलेंस विभाग में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

विजिलेंस विभाग में शिकायत ऑनलाइन, व्यक्तिगत रूप से, या डाक द्वारा की जा सकती है।

विजिलेंस विभाग की राज्य स्तर पर अलग-अलग शाखाएं होती हैं, जिनसे आप संपर्क कर सकते हैं।

2. लोकायुक्त (Lokayukta):

लोकायुक्त भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करने वाली एक स्वतंत्र संस्था है। आप पुलिस या आबकारी अधिकारियों के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

लोकायुक्त की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज की जा सकती है या राज्य के लोकायुक्त कार्यालय में जाकर शिकायत दी जा सकती है।

3. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI):

यदि मामला बड़ा हो और इसमें उच्च स्तर पर अधिकारियों की संलिप्तता हो, तो आप CBI (Central Bureau of Investigation) में भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। CBI विशेष रूप से सरकारी अधिकारियों और संगठनों में भ्रष्टाचार की जांच करती है।

CBI के पास भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (Anti-Corruption Branch) होती है, जहाँ आप इस तरह के मामलों की रिपोर्ट कर सकते हैं।

4. केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC):

CVC (Central Vigilance Commission) भ्रष्टाचार रोकने वाली एक केंद्रीय एजेंसी है, जो सरकारी विभागों के अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों की जांच करती है। आप CVC की वेबसाइट पर जाकर भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

यदि आपकी शिकायत राज्य स्तर पर नहीं सुनी जा रही, तो आप CVC के जरिए भी उच्च स्तर पर इस मामले को ले जा सकते हैं।

5. उच्च न्यायालय (High Court):

यदि आपको लगता है कि पुलिस या आबकारी विभाग के अधिकारी अवैध शराब की बिक्री में संलिप्त हैं और स्थानीय एजेंसियां कार्रवाई नहीं कर रही हैं, तो आप उच्च न्यायालय में जनहित याचिका (PIL) दायर कर सकते हैं। अदालत में यह मामला उठाकर निष्पक्ष जांच की मांग की जा सकती है।

6. राज्य मानवाधिकार आयोग (State Human Rights Commission):

यदि पुलिस या अन्य अधिकारी अवैध शराब के धंधे में संलिप्त हैं और आम जनता के अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है, तो आप मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। मानवाधिकार आयोग अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर सकता है और जांच के आदेश दे सकता है।

7. राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti-Corruption Bureau - ACB):

ACB एक विशेष एजेंसी है जो भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करती है। यदि पुलिस या आबकारी विभाग के अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, तो आप इस एजेंसी में शिकायत कर सकते हैं। राज्य में ACB की शाखाओं से संपर्क किया जा सकता है।

8. मीडिया और जन जागरूकता:

यदि आपको लगता है कि सरकारी एजेंसियां आपकी शिकायत को गंभीरता से नहीं ले रही हैं, तो आप मीडिया का सहारा ले सकते हैं। अखबार, टीवी चैनल, या सोशल मीडिया के जरिए इस मामले को उजागर करके सरकार पर दबाव बना सकते हैं।

मीडिया के माध्यम से मामले को सामने लाने से उच्च स्तर पर जांच हो सकती है और जनता का समर्थन मिल सकता है।

9. RTI (सूचना का अधिकार) का उपयोग:

आप RTI (Right to Information) का उपयोग करके अवैध शराब के मामलों और संबंधित अधिकारियों की भूमिका के बारे में जानकारी मांग सकते हैं। RTI के माध्यम से आप यह जान सकते हैं कि संबंधित विभाग ने किसी विशेष शिकायत पर क्या कार्रवाई की है।

10. मुख्यमंत्री और राज्यपाल से शिकायत:

आप राज्य के मुख्यमंत्री या राज्यपाल को भी पत्र लिखकर या उनके आधिकारिक पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। मुख्यमंत्री और राज्यपाल कार्यालयों से ऐसे मामलों में जांच के आदेश दिए जा सकते हैं।

11. केंद्रीय गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs):

अगर आपको लगता है कि राज्य स्तर पर आपकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, तो आप केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी अपनी शिकायत भेज सकते हैं। वे इस मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे सकते हैं।

12. अन्य स्वतंत्र जांच एजेंसियां:

कुछ गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) और स्वतंत्र जांच एजेंसियां भी सरकारी अधिकारियों में भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने में मदद करती हैं। आप उनसे भी सहयोग ले सकते हैं।

13. संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से सहयोग:

अवैध शराब की बिक्री और अधिकारियों की संलिप्तता के मामलों को उजागर करने के लिए आप सामाजिक कार्यकर्ताओं या संगठनों से भी मदद ले सकते हैं। ये संगठन आपके मामले को व्यापक मंच पर उठाने में मदद कर सकते हैं।

सारांश:

यदि अवैध शराब के कारोबार में पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारी संलिप्त हों, तो आप विजिलेंस विभाग, लोकायुक्त, CBI, CVC, और उच्च न्यायालय जैसी एजेंसियों में शिकायत कर सकते हैं। इसके साथ ही, मीडिया और जन जागरूकता के माध्यम से भी इस तरह के मामलों को उजागर किया जा सकता है, ताकि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके।

✍️✍️ विश्वामित्र अग्निहोत्री

सह संपादक विधिक आवाज समाचार समूह
विश्वामित्र अग्निहोत्री 


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