मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के सीतामऊ क्षेत्र में स्थित ग्राम पंचायत नाटा राम के राजाखेड़ी गांव में शुक्रवार को तालाब का भूमि पूजन सम्पन्न हुआ। यह आयोजन महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन (एनआरएम) के अंतर्गत किया गया। इस योजना का उद्देश्य जल संरक्षण के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करना है।
कार्यक्रम का आयोजन जिला पंचायत मंदसौर और जनपद पंचायत सीतामऊ के मार्गदर्शन में किया गया। भूमि पूजन के इस महत्वपूर्ण अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य अतिथि, सरपंच बापुलाल जाट, उपसरपंच गोविंद पाटीदार, भेरूलाल गुर्जर, पंच रामभगत धनगर, सहायक सचिव हरिओम गंधर्व और पंच श्यामलाल चंद्रवंशी समेत गांव के कई प्रमुख लोग उपस्थित थे। इसके अलावा बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
तालाब निर्माण का महत्व
राजाखेड़ी में तालाब का निर्माण न केवल जल संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह गांव के विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा। ग्रामीण इलाकों में तालाब और अन्य जल संसाधनों का महत्व काफी बढ़ जाता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां खेती और पशुपालन वर्षा पर निर्भर होते हैं।
तालाब का निर्माण होने से गांव के किसानों को सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, जिससे उनकी फसल उत्पादन क्षमता में सुधार होगा। इसके साथ ही, मवेशियों के लिए भी पानी का स्रोत उपलब्ध होगा, जिससे पशुपालन को भी लाभ पहुंचेगा।
मनरेगा और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन (एनआरएम)
मनरेगा योजना के तहत प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन (एनआरएम) के कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है। एनआरएम के अंतर्गत जल संरक्षण, भूजल स्तर में वृद्धि, और प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन किया जाता है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार पैदा करने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने का काम करती है।
तालाब का निर्माण इसी योजना का हिस्सा है, जो आने वाले समय में गांव के लोगों के लिए एक स्थायी जल स्रोत के रूप में काम करेगा। इसके माध्यम से गांव के किसानों और ग्रामीणों को रोजगार भी मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
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सामुदायिक विकास और सहयोग
इस तरह के आयोजन गांव के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी सहायक होते हैं। भूमि पूजन के दौरान गांव के लोगों की सक्रिय भागीदारी यह दर्शाती है कि वे अपने गांव के विकास के लिए जागरूक और प्रतिबद्ध हैं। पंचायत और ग्रामीणों का सामूहिक प्रयास ऐसे कार्यों को सफल बनाता है, जिससे न केवल गांव में जल प्रबंधन बेहतर होता है, बल्कि लोगों में एकजुटता और सहयोग की भावना भी प्रबल होती है।
निष्कर्ष
राजाखेड़ी में तालाब का भूमि पूजन एक सकारात्मक कदम है, जो न केवल जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि गांव के समग्र विकास के लिए भी फायदेमंद है। यह तालाब ग्रामीणों के लिए जल स्रोत के रूप में काम करेगा, और इसके साथ ही गांव के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी नई दिशा देगा।