भूतपूर्व सैनिकों का कल्याण राज्य सरकार की प्राथमिकता: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
- प्रत्येक शहीद सैनिक के परिवार को एक करोड़ अनुग्रह राशि का प्रोजेक्ट मिलता है
- सैनिकों और उनके परिवार के कल्याण के लिए कई विचार दिए गए हैं
- प्रदेश स्थापना दिवस पर होगा विशेष आर्मी-शो "नो कमांडो आर्मी"
- मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में हुई राज्य सैनिक बोर्ड की 20वीं बैठक
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राष्ट्र रक्षा के लिए शहीद सैनिकों के जवानों को शासन द्वारा दी जाने वाली आर्थिक सहायता निश्चित समय में प्रदान की जाएगी। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक शहीद सैनिक के परिवार को युद्ध में शामिल होने और अन्य अवशेषों से लेकर मृतकों तक की यात्रा के लिए सेना द्वारा एक करोड़ की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों का कल्याण, उनके परिवार की हितों की रक्षा राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस पर सेना द्वारा विशेष शो "नो डायरेक्टर आर्मी" (हमारी सेना को जानें) का आयोजन करने के निर्देश दिए। साथ ही राजधानी भोपाल में एयर-शो के लिए भी तिथि निर्धारित करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री एवं राज्य सैनिक बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. यादव ने आज मंत्रालय में राज्य सैनिक बोर्ड की 20वीं बैठक ली। बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डाॅ. राजौरा, अपर मुख्य सचिव गृह श्री एस.एन. मिश्रा, मुख्यमंत्री कार्यालय में मुख्य सचिव श्री संजय कुमार शुक्ला सहित सामान्य प्रशासन एवं वित्त विभाग के अधिकारी, मध्य भारत क्षेत्र के जी.ओ.सी. लेफ्टिनेंट जनरल जापानी श्री पी.एस. शेखावत, ब्रिगेडियर एसएन तिवारी प्रतिनिधि कमांडिंग-इन-चीफ मध्य कमान लखनऊ, सचिव राज्य सैनिक बोर्ड ब्रिगेडियर (से.नि.) हिलेरी नायर सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में सैनिकों और सैनिकों के परिवारों के हित में महत्वपूर्ण प्रस्तावनाएं प्रदान कीं। इन युद्ध या सैनिकों में असावधान होने पर दी जाने वाली राशि 10 लाख से अंतिम प्रतिशत के आधार पर एक करोड़ तक करना, शहीद के माता-पिता को मिलने वाले मासिक अनुदान को दोगुना करना, शहीद और सैनिक की बहन और बेटी विवाह के लिए 10 हजार के स्थान पर 51 हजार की राशि के नेतृत्व में, सैनिक परिवार के मध्य प्रदेश के निवासी माता-पिता की पुत्री पुत्री सशस्त्र सेना में हो उन्हें भी 10 हजार के स्थान पर छात्रवृत्ति सम्मान निधि देने का निर्णय शामिल है।
बैठक की शुरुआत में सचिव श्री वैली नायर ने राज्य सैनिक बोर्ड की वर्ष 2018 में हुई 19वीं बैठक में निर्णयों की पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत की। मध्य प्रदेश निवासी शौर्य अलंकरण एवं विशिष्ट सेवा पुरस्कार प्राप्त रियाल को दी जाने वाली राशि में शासन द्वारा 30 मार्च 2023 को आदेश जारी कर वृद्धि की गई है। सैनिक विश्राम गृह बैतूल का निर्माण कार्य भी पूरा हो चुका है। मध्य प्रदेश में करीब 70 हजार भूतपूर्व सैनिक, 30 हजार वर्तमान सैनिकों के साथ ही सैनिक परिवार के सदस्यों की संख्या कुल मिलाकर लगभग 4 लाख लोग निवास कर रहे हैं। प्रदेश में 24 जिला सैनिक कार्यालय रेस्तरां हैं। सैनिकों की आवास सुविधा के लिए 17 आरामदायक गृह भी संचालित हैं।
अब इस प्रकार की बैंकिंग वित्तीय सहायता
म.प्र. मूल निवासी माता-पिता समरूप सशस्त्र सेना में 10 हजार अलग-अलग से लेकर 20 हजार अलग-अलग सम्मान निधि दी जाएगी।
युद्ध या सैनिक राक्षस, अत्याचारी और आंतरिक सुरक्षा के दौरान 10 लाख प्रति व्यक्ति (दिव्यांगता प्रतिशत के आधार पर) एक करोड़ से अधिक तक की बढ़ोतरी हुई।
युद्ध या सैनिक घोड़े, घोड़े और आंतरिक सुरक्षा के दौरान शहीद/दिव्यांग की बहन/बेटी के विवाह के लिए 10 हजार न्यूनतम से 51 हजार की बढ़ोतरी की जाएगी।
आफ़त के माता-पिता को पाँच हज़ार एक मूर्ति प्रदान की गई।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शहीद सैनिकों के जवानों को एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान करने की आवश्यकता बताई, शासनादेश जारी करने के लिए,/सैनिक कार्रवाई में सेना द्वारा घोषित बैटल कैजुअल्टी की वैधता के आधार पर युद्ध के लिए राज्य सहायता की अनुमति, गन लाइसेंस में समय सीमा का अनिवार्य रूप से पालन किया जाना चाहिए। करने और लाइसेंस मीनू नि: अंकित करने के लिए परीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने द्वितीय विश्व युद्ध के नान पेंशनर्स पूर्व सैनिक एवं विधवाओं की मासिक सहायता राशि आठ हजार से 15 हजार करने की सलाह दी, शहडोल जिले में सैनिक विश्राम गृह एवं कल्याण कार्यालय निर्माण के संबंध में भी आवश्यक सहायता के निर्देशों का पालन करें।