दरअसल RG कर मेडिकल कॉलेज में हुए रेप मर्डर मामले की जांच सीबीआई कर रही है. पिछले कुछ दिनों ने सोशल मीडिया पर एक पत्र लगातार वायरल हो रहा है, यह पत्र डॉ. आकाश नाग के नाम से लिखा गया है, जिसमें उन्हें डीआईजी संयुक्त निदेशक, अपराध शाखा बताया गया है. केंद्रीय गृह सचिव को लिखे गए इस पत्र में आकाश नाग की ओर से जांच में राजनीतिक दबाव डाले जाने की बात लिखी गई है, जिसे सीबीआई ने फर्जी करार दिया है।
क्या लिखा है फर्जी पत्र में
सीबीआई ने जिस पत्र का खंडन किया है, उस वायरल चिट्ठी में आकाश नाग के नाम से लिखा गया है कि मैं केस नंबर 012990/WBS जो आरजीकर मेडिकल कॉलेज में हुए मर्डर से संबंधित है, उससे अलग होने की अनुमति चाहता हूं. मैं बड़े दुख के साथ सूचित कर रहा हूं कि जांच को राजनीतिक दबाव डालकर प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है, इसमें ये भी लिखा है कि अस्पताल के चार डॉक्टरों का इसमें सीधा इन्वॉल्वमेंट है. इसीलिए जांच के दौरान हमें हर कदम पर परेशान किया जा रहा है. प्रोफेशनल एथिक्स, हालात का हवाला देकर आकाश नाग की ओर से खुद को जांच से अलग किए जाने की मांग की गई है।