कोलकाता रेप-मर्डर केस की जांच में राजनीतिक दबाव का पत्र फर्जी, CBI ने दी सफाई


कोलकाता रेप-मर्डर केस की सीबीआई जांच में राजनीतिक दबाव डाले जाने एक पत्र वायरल हो रहा है. सीबीआई ने मंगलवार को इस पर सफाई दी और इसे पूरी तरह फर्जी करार दिया. सीबीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह पत्र जिस अधिकारी के नाम से जारी किया गया है, इस नाम का कोई अधिकारी जांच एजेंसी में नहीं है

दरअसल RG कर मेडिकल कॉलेज में हुए रेप मर्डर मामले की जांच सीबीआई कर रही है. पिछले कुछ दिनों ने सोशल मीडिया पर एक पत्र लगातार वायरल हो रहा है, यह पत्र डॉ. आकाश नाग के नाम से लिखा गया है, जिसमें उन्हें डीआईजी संयुक्त निदेशक, अपराध शाखा बताया गया है. केंद्रीय गृह सचिव को लिखे गए इस पत्र में आकाश नाग की ओर से जांच में राजनीतिक दबाव डाले जाने की बात लिखी गई है, जिसे सीबीआई ने फर्जी करार दिया है

क्या लिखा है फर्जी पत्र में

सीबीआई ने जिस पत्र का खंडन किया है, उस वायरल चिट्ठी में आकाश नाग के नाम से लिखा गया है कि मैं केस नंबर 012990/WBS जो आरजीकर मेडिकल कॉलेज में हुए मर्डर से संबंधित है, उससे अलग होने की अनुमति चाहता हूं. मैं बड़े दुख के साथ सूचित कर रहा हूं कि जांच को राजनीतिक दबाव डालकर प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है, इसमें ये भी लिखा है कि अस्पताल के चार डॉक्टरों का इसमें सीधा इन्वॉल्वमेंट है. इसीलिए जांच के दौरान हमें हर कदम पर परेशान किया जा रहा है. प्रोफेशनल एथिक्स, हालात का हवाला देकर आकाश नाग की ओर से खुद को जांच से अलग किए जाने की मांग की गई है

सीबीआई ने क्या कहा?

कोलकाता रेप मर्डर केस इस वायरल हो रहे पत्र को सीबीआई ने फर्जी करार दिया है. सीबीआई की ओर से कहा गया है कि इस मामले की जांच सीबीआई मुख्यालय, दिल्ली द्वारा की जा रही है. इसके अलावा, डॉ. आकाश नाग नाम का कोई अधिकारी सीबीआई में नहीं है. यह पत्र पूरी तरह से झूठ है. सीबीआई के स्पष्टीकरण में लोगों को सलाह दी गई है कि वह उक्त पत्र या इस तरह के किसी भी शरारती कोशिश को नजरअंदाज करें. सीबीआई गंभीरता के साथ मामले की जांच कर रही है
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