राहुल गांधी ने महादेवपुरा सीट पर एक मतदाता (शकुन रानी) द्वारा दो बार वोट डालने का दावा किया था, जिसे उन्होंने निर्वाचन आयोग की डेटा रिपोर्ट पर आधारित बताया। इस पर कर्नाटक के CEO ने उन्हें दस्तावेजों के साथ प्रमाण पेश करने का नोटिस जारी किया है। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि शकुन रानी ने वास्तव में केवल एक बार ही वोट डाला, और Rahul द्वारा दिखाया गया ‘टिक मार्क’ वाला दस्तावेज असली नहीं पाया गया। चुनाव आयोग ने स्पष्ट कहा है कि ऐसी गंभीर आरोपों के लिए स्पष्ट और वैध सबूत ज़रूरी हैं, और आरोपों को बिना पुष्टि के नहीं चलाया जा सकता।
1. क्या दावा किया था राहुल गांधी ने?
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7 अगस्त 2025 को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने दावा किया था कि महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र (बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट) में एक वोटर, शकुन रानी, ने दो बार वोट डाला है।
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उन्होंने बताया कि उन्होंने चुनाव आयोग (EC) के डेटा और मतदान अधिकारी के रिकॉर्ड का हवाला देते हुए यह दावा किया, और एक वोटर ID कार्ड दिखाया जिस पर दो ‘टिक’ मार्क थे, जो पोलिंग बूथ अधिकारी द्वारा बनाए गए बताए गए।
2. चुनाव आयोग (CEO, कर्नाटक) की प्रतिक्रिया
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कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) ने राहुल गांधी को नोटिस जारी किया है। इसमें उनसे 15 अगस्त तक दस्तावेज जमा करने को कहा गया है, जिनके आधार पर उन्होंने शकुन रानी के ‘डबल वोटिंग’ का दावा किया था।
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प्राथमिक जांच में यह पाया गया कि शकुन रानी ने एक ही बार वोट डाला, न कि दो बार। साथ ही, राहुल द्वारा दिखाया गया ‘टिक मार्क वाला दस्तावेज’ मतदान अधिकारी द्वारा जारी नहीं किया गया है—यानी वह दस्तावेज बनावटी हो सकता है।
3. चुनाव आयोग (EC) का पूरा रुख
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Election Commission of India (EC) ने राहुल गांधी के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि कर्नाटक सरकार वही मतदाता सूची (voter rolls) इस्तेमाल कर रही है जो वह जाति जनगणना के लिए उपयोग करती है—इससे वोटर लिस्ट की वैधता और निष्पक्षता प्रमाणित होती है।
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चुनाव आयोग ने इस मामले पर सख्ती दिखाई है—अगर राहुल गांधी झूठे दस्तावेज प्रस्तुत करते पाए गए, तो उन्हें भारतीय निर्वाचन कानूनों के तहत कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
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