बुजुर्ग और पेट्रोल पंप कर्मी बनते थे शिकार, मोबाइल में नकली ट्रांजैक्शन दिखाकर उड़ाते थे कैश
विधिक आवाज समाचार | इंदौर
इंदौर के कनाडिया थाना क्षेत्र से ऑनलाइन फ्रॉड का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। पुलिस ने ऐसे दो शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो नकली PhonePe एप्लिकेशन की मदद से अब तक 25 से अधिक लोगों को लाखों रुपये का चूना लगा चुके हैं। गिरफ्त में आए आरोपियों के नाम सुवेश परमार और धीरज गोयल हैं।
🔍 ठगी की तकनीक: नकली ऐप, असली ट्रांजैक्शन जैसा दिखावा
पुलिस के अनुसार आरोपी Telegram ऐप से एक ऐसा फर्जी PhonePe एप डाउनलोड करते थे, जो हूबहू असली जैसा दिखता था। इस ऐप से पेमेंट का स्कैनर भी स्कैन होता और सामने वाले व्यक्ति का नाम भी दिखता था, जिससे लोगों को विश्वास हो जाता कि उन्हें पेमेंट मिल गया है। असल में कोई रकम ट्रांसफर नहीं होती थी।
🚨 शिकायत पर खुली पोल
कनाडिया क्षेत्र के एक पेट्रोल पंप कर्मचारी ने शिकायत की थी कि दो युवक मेडिकल इमरजेंसी का हवाला देकर ₹6000 नकद ले गए और ऑनलाइन पेमेंट दिखाकर चलते बने। जब ट्रांजैक्शन की पुष्टि करने की बात आई तो दोनों आरोपी मौके से बाइक लेकर फरार हो गए। बाद में जब उस कर्मचारी ने अन्य साथियों से बात की तो पता चला कि उनके साथ भी इसी तरह की ठगी हो चुकी है।
👮♂️ पुलिस की सधी कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्काल जांच शुरू की। मोबाइल ट्रेसिंग, फुटेज विश्लेषण और मुखबिर की मदद से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में दोनों ने 25 से ज्यादा ठगी की वारदातें कबूल कीं। मोबाइल से फर्जी ऐप भी बरामद किया गया है।
🎙️ बाइट:
अमरेंद्र सिंह, एडिशनल डीसीपी, इंदौर –
"आरोपी नकली एप्लिकेशन के जरिए असली जैसा ट्रांजैक्शन दिखाते थे। जनता से अपील है कि हर ऑनलाइन ट्रांजैक्शन की तुरंत पुष्टि करें।"
⚠️ जनता के लिए अलर्ट
कभी भी अनजान व्यक्ति से ऑनलाइन पेमेंट मिलने पर तुरंत बैंक ऐप में जाकर कन्फर्म ट्रांजैक्शन चेक करें।
सिर्फ स्क्रीनशॉट के भरोसे नकद न दें।
संदिग्ध ट्रांजैक्शन की तुरंत शिकायत करें।
इंदौर पुलिस की सजगता से दो ठग भले ही सलाखों के पीछे पहुंच गए हों, लेकिन साइबर ठगी के नए तरीके लोगों की सतर्कता की मांग करते हैं।
विधिक आवाज़ समाचार समूह
स्थान: इंदौर /दिनांक: 08 जून 2025