नगर निगम की उदासीनता का शिकार मवैया ग्रीन सिटी कॉलोनी


विधायक, महापौर,पार्षद और नगर आयुक्त को कई बार दे चुके हैं आवेदन, सुनवाई सिफर नागरिकों की चिंता, कभी भी पैर पसार सकता है संक्रामक रोग

सड़क, नाली, पुलिया सब की सब जर्जर, नारकीय जीवन जीने को मजबूर लोग

विधिक आवाज समाचार | लखनऊ उत्तरप्रदेश
रिपोर्ट राजेश कुमार यादव
दिनांक 31 मई 2025

स्वच्छ लखनऊ और सुंदर लखनऊ की परतें उधेड़ता और सारे दावों पर प्रश्न चिन्ह लगाता राजधानी का यह इलाका जहां के हालात अब काबू से बाहर हो चले हैं। 

हम बात कर रहे हैं मवैया ग्रीन सिटी कॉलोनी के दयनीय हालात की। यहां निरंतर ही स्थितियां काबू से बाहर हो रही हैं। कहने को नगर निगम के दायरे में आते हैं जबकि एक पंचायत के जैसी भी सुविधा को तरस रहे हैं यहां के नागरिक, हालात बिल्कुल बद से बत्तर हो रहे हैं। 

हैबतमऊ मवैया, शारदा नगर वार्ड 2 में एक छोटी सी कॉलोनी है, जो नगर निगम लखनऊ के जोन 8 के अंतर्गत आती है। खस्ताहाल सड़कें खुद ब खुद अपनी दास्तां चीख चीख कर बताती नजर आ रही हैं। जगह जगह गंदा पानी जिसका कोई निकास नहीं है, भरा रहता है। इस भीषण गर्मी में पानी कें भरे होने से बदबू भी आती है। आगे बरसात के समय लोगों को डर सता रहा है कि यदि समस्या नहीं दूर हुई तो घरों से भी लोगों का निकलना बंद हो जाएगा। गंदगी के चलते इस इलाके में कभी भी संक्रामक रोग फैल सकता है। 

यहाँ डूडा, चरन भट्टा रोड के आस-पास की कॉलोनियों में कई समस्याएँ हैं जैसे कि नाले का ओवरफ्लो होना, साफ सफाई का प्रबंध न होना, स्ट्रीट लाइट, सड़क, नाले और पुलिया का निर्माण आदि।

यहां रह रहे आम नागरिकों ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि एक सप्ताह से नाले के उखड़ने और नाले के पानी के बहाव के कारण मुख्य सड़क पर जाम लगा हुआ है, हमलोगों को सड़क से आने-जाने में परेशानी हो रही है, यहाँ तक कि बाइक और साइकिल भी नहीं निकल पा रही है।

पीड़ितों में डॉ॰ उमाशंकर ने बताया कि हम लोग यहां के निवासियों सहित, शारदा नगर वार्ड 2 के पार्षद, महापौर, सरोजनी नगर के विधायक और नगर निगम लखनऊ के आयुक्त को उपरोक्त सभी समस्याओं के समाधान के लिए कई बार आवेदन दे चुके हैं।

समस्याओं के समाधान के लिए आवेदन देने के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हैबतमऊ मवैया के आस-पास के सभी निवासी लंबे समय से समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

अब देखना यह है कि कई बार समस्याओं से अवगत कराने कें बाद भी कान में रूई लगाए बैठा नगर निगम प्रशासन कब कुंभकर्णी निद्रा से जागता है और इलाके की बदहाल व्यवस्था पर अपना ध्यान केंद्रित कराता है।
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