उर्मिला ने 94.6% अंकों के साथ रचा इतिहास — चिल्लोद पिपलिया की बेटी बनी गांव की शान!"


चिल्लोद पिपलिया की बेटी उर्मिला ने रचा शैक्षणिक इतिहास, 10वीं बोर्ड में हासिल किए 94.6% अंक

विधिक आवाज़ न्यूज़ |मुबारिक हुसैन मंसुरी
जिला ब्यूरो चीफ मन्दसौर |मो .9977940086

मंदसौर, बादपुर |

मंदसौर जिले के छोटे से गाँव *चिल्लोद पिपलिया* की बेटी *उर्मिला पिता कमलेश जी पाटीदार* ने कक्षा 10वीं की परीक्षा में *94.6% अंक* प्राप्त कर गाँव में इतिहास रच दिया है। उर्मिला ने न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि पूरे गाँव का नाम रोशन किया है।

उर्मिला ने *आर्य बाल मंदिर, बूढ़ा* स्कूल से अध्ययन करते हुए यह शानदार उपलब्धि हासिल की। उनकी मेहनत, लगन और अनुशासन ने इस परिणाम को संभव बनाया, जिससे वे गाँव की *टॉपर छात्रा* बन गईं।

*गाँव में हुआ सम्मान समारोह*

गाँव के सरपंच *दीपक शर्मा* ने उर्मिला और उनके माता-पिता का *सम्मान समारोह* आयोजित कर अभिनंदन किया। उन्होंने उर्मिला को आशीर्वाद देते हुए कहा कि "यह सफलता सिर्फ उर्मिला की नहीं, पूरे गाँव के लिए गर्व का क्षण है। इससे गाँव की बेटियाँ भी प्रेरणा लेंगी कि लगन और मेहनत से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।"

*समाज के लोगों से मिली सराहना*

गाँव के वरिष्ठ नागरिकों, शिक्षकों और युवाओं ने भी उर्मिला की इस उपलब्धि पर खुशी जताई और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। सभी ने उन्हें और अधिक ऊँचाइयों को छूने के लिए प्रेरित किया।

*उर्मिला बनी प्रेरणा स्रोत*

उर्मिला की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि संसाधनों की कमी प्रतिभा के आगे बाधा नहीं बन सकती। उनका यह परिणाम आने वाली पीढ़ियों के लिए *प्रेरणा का स्त्रोत* बनेगा। गाँव की अन्य बालिकाओं को भी इससे शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने की ऊर्जा मिलेगी।

*परिवार की प्रतिक्रिया*

उर्मिला के पिता कमलेश जी पाटीदार ने कहा, “हमारी बेटी की इस उपलब्धि पर हमें गर्व है। उसने दिन-रात मेहनत की और भगवान की कृपा से उसका फल मिला। हम उसे हर संभव सहयोग देते रहेंगे ताकि वह अपने लक्ष्य को हासिल कर सके।”

*शिक्षकों का योगदान*

आर्य बाल मंदिर स्कूल के शिक्षकों ने भी उर्मिला की लगन की सराहना की। स्कूल प्रशासन ने बताया कि उर्मिला शुरुआत से ही एक *मेधावी छात्रा* रही हैं और हर विषय में उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।

*निष्कर्ष:*

उर्मिला की यह सफलता यह दिखाती है कि अगर इच्छाशक्ति प्रबल हो, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता। चिल्लोद पिपलिया की यह बेटी आने वाले समय में और भी बड़े मुकाम हासिल करे, यही कामना है। उनके इस संघर्ष और उपलब्धि को सच्चा सलाम!
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