इंदौर| अगर आप सोशल मीडिया पर “घर बैठे कमाई” या “ऑनलाइन टास्क से लाखों कमाने” वाले विज्ञापनों से प्रभावित होकर किसी ग्रुप या एप से जुड़ने की सोच रहे हैं—तो रुक जाइए!क्योंकि हो सकता है अगला शिकार आप हों।
विधिक आवाज़ समाचार| इंदौर
संपादन: विश्वामित्र अग्निहोत्री, सह संपादक
दिनांक: 15 अप्रैल 2025
इंदौर क्राइम ब्रांच द्वारा संचालित साइबर सेल के पास इस साल 1 जनवरी 2025 से लेकर अब तक 140 शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें लगभग 1 करोड़ 20 लाख रुपये की ठगी की पुष्टि हो चुकी है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे Instagram, Telegram, WhatsApp पर नकली जॉब ऑफर और टास्क इन्वेस्टमेंट के जरिए भोले-भाले लोगों को जाल में फंसाया जा रहा है।
कैसे देते हैं ठगी को अंजाम? पहले भरोसा जीतते हैं:
छोटा सा टास्क देते हैं — जैसे होटल रिव्यू, मूवी रेटिंग या यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब कर रिव्यू करना। बदले में आपको थोड़े-बहुत पैसे दे देते हैं।
फिर जाल बुनते हैं:
जब आप भरोसा कर लेते हैं, तो आपको बड़े निवेश और मोटे मुनाफे का सपना दिखाया जाता है।
नकली ऐप डाउनलोड करवाई जाती है जिसमें आपका पैसा दोगुना-तीन गुना दिखाया जाता है।
फिर मांगते हैं टैक्स और फीस:
जब आप पैसा निकालना चाहें, तो आपको तरह-तरह के चार्जेस, टैक्स और प्रोसेसिंग फीस के नाम पर और पैसे मांगते हैं।
जब आप पैसे देने से मना करते हैं — आपका अकाउंट ब्लॉक, संपर्क खत्म।
कुछ ठगी के केस जो हिला देंगे
मोहान नामक पीड़ित से 14 लाख रुपये की ठगी —
पहले छोटे टास्क फिर निवेश के नाम पर।
राजेश से 10 लाख रुपये की ठगी — टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर गूगल रिव्यू के नाम पर।
एक अन्य राजेश से 8 लाख रुपये की ठगी — रेटिंग और रिव्यू टास्क के बहाने।
साइबर सेल की कार्रवाई
अब तक 20% राशि रिफंड कराई जा चुकी है।
शेष अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया गया है।
लगातार फॉलोअप और डिजिटल निगरानी की जा रही है।
क्राइम ब्रांच की साइबर एडवाइजरी – सावधान रहें! अनजान Telegram/Instagram/WhatsApp ग्रुप्स से दूर रहें।
किसी भी अज्ञात लिंक, एप या वेबसाइट पर अपनी बैंकिंग जानकारी न दें।
बड़ी कमाई या इन्वेस्टमेंट के वादे से सावधान रहें – यह लालच ठगी में बदल सकता है।
सोशल मीडिया पर दिख रहे APKs या Links को डाउनलोड न करें।