कयामपुर। जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में हाल ही में हुए भीषण आतंकी हमले के विरोध में शुक्रवार को कयामपुर के मुस्लिम समाज ने एकजुटता के साथ आवाज बुलंद की। अंजुमन इस्लामिया कमेटी कयामपुर के नेतृत्व में राष्ट्रपति महोदया के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें इस निर्मम घटना की कड़ी निंदा करते हुए आतंकियों व उन्हें पनाह देने वाले राष्ट्रों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की गई।
विधिक आवाज़ न्यूज़ / मुबारिक हुसैन मंसुरी – जिला ब्यूरो चीफ, मंदसौर
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि इस तरह की बर्बर घटनाएं न केवल निर्दोष नागरिकों पर हमला हैं, बल्कि भारत की अखंडता और शांति व्यवस्था पर भी सीधा प्रहार हैं। समाज ने इसे पूरी तरह अस्वीकार्य बताते हुए आतंकी ताकतों के खिलाफ निर्णायक रणनीति अपनाने की अपील की।
शहीदों को दी श्रद्धांजलि, जताई संवेदना
मुस्लिम समाज ने इस हमले में शहीद हुए निर्दोष पर्यटकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की। समाजजनों ने स्पष्ट किया कि वे इस दुख की घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं और उनका दर्द अपना समझते हैं।
पाकिस्तान के खिलाफ सख्त नीति की मांग
ज्ञापन में विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया गया कि आतंक को पनाह देने वाले पड़ोसी देश पाकिस्तान के खिलाफ भारत सरकार को सख्त रुख अपनाना चाहिए। समाज ने राष्ट्रपति व केंद्र सरकार से देश की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए ठोस और कारगर कदम उठाने की अपील की।
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ज्ञापन सौंपते समय अंजुमन इस्लामिया कमेटी के पदाधिकारियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के वरिष्ठजन, युवा और आम नागरिक उपस्थित रहे। सभी ने एकमत होकर आतंकवाद के खिलाफ सशक्त और संगठित नीति अपनाने की मांग की।
इस अवसर पर समाज ने स्पष्ट संदेश दिया कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, और देश का हर जिम्मेदार नागरिक – चाहे किसी भी समुदाय का हो – ऐसी घटनाओं की निंदा करता है और एकजुट होकर देशहित में खड़ा है।