सुप्रीम कोर्ट के सभी 33 वर्तमान न्यायाधीशों ने अपनी संपत्तियों का विवरण सार्वजनिक रूप से घोषित करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया है। यह निर्णय 1 अप्रैल 2025 को आयोजित पूर्ण न्यायालय बैठक में लिया गया, जिसमें यह तय किया गया कि न्यायाधीश अपनी संपत्तियों का विवरण मुख्य न्यायाधीश को सौंपेंगे, और यह जानकारी सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित की जाएगी।
विधिक आवाज समाचार | नई दिल्ली
रिपोर्ट राजेश कुमार यादव | दिनांक 3अप्रैल 2025
1997 में, सुप्रीम कोर्ट ने "न्यायिक जीवन के मूल्यों का पुनर्प्रतिपादन" नामक एक प्रस्ताव अपनाया था, जिसके तहत प्रत्येक न्यायाधीश को अपनी संपत्तियों और देनदारियों का विवरण मुख्य न्यायाधीश को प्रस्तुत करना आवश्यक था। 2009 में, एक अन्य प्रस्ताव के माध्यम से न्यायाधीशों को अपनी संपत्तियों का विवरण स्वेच्छा से सार्वजनिक करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन यह अनिवार्य नहीं था।
वर्तमान निर्णय:
हाल ही में, दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के निवास पर नकदी मिलने की घटना के बाद, न्यायपालिका की पारदर्शिता और जवाबदेही पर सवाल उठे थे। इन चिंताओं के मद्देनजर, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने अपनी संपत्तियों का विवरण सार्वजनिक करने का निर्णय लिया है, ताकि जनता का विश्वास बहाल हो सके और न्यायपालिका की पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।
आगे की प्रक्रिया: