आईएएस अभिषेक प्रकाश की बढ़ी मुश्किलें; अब संपत्ति की होगी विजिलेंस जांच


उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘इन्वेस्ट यूपी' के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वरिष्ठ अधिकारी अभिषेक प्रकाश को अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों में बृहस्पतिवार को निलंबित कर दिया था। लेकिन, अभी भी अभिषेक प्रकाश की मुश्किलें खत्म नहीं हुई। अब उसके खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश दिए गए है। जांच के लिए नियुक्ति विभाग ने गृह विभाग को पत्र भेजा है।

विधिक आवाज समाचार |लखनऊ
रिपोर्ट राजेश कुमार यादव |दिनांक 22 मार्च 2025

बता दें कि उत्तर प्रदेश कैडर 2006 बैच के आईएएस सचिव औद्योगिक विकास विभाग व इन्वेस्ट यूपी के CEO अभिषेक प्रकाश पर जमीनअधिग्रहण में करप्शन का आरोप है। एक उद्योगपति से अभिषेक प्रकाश ने पांच प्रतिशत कमीशन मांगा था। IAS अधिकारी ने घूस के लिए अपने बाबू को लगा रखा था। पीड़ित इस बात की जानकारी अन्य उच्य अधिकारी को दे दी। उसके गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया गया। इसी मामले में शामिल निकंत जैन नामक बिचौलिए को गिरफ्तार भी किया गया है। उसने कबूला है कि घूस मांगने के किए अभिषेक ने कहा था।

योगी सरकार के पहले अधिकारी हैं जिनके खिलाफ होगी विजिलेंस जांच

शासन द्वारा अभिषेक प्रकाश के खिलाफ विजिलेंस जांच करने का आदेश दिया गया। ये योगी सरकार के पहले अधिकारी है जिनके खिलाफ विजिलेंस जांच होगी। विजिलेंस विगं बरेली पीलीभीत हमीरपुर लखनऊ में तैनाती के दौरान अभिषेक प्रकाश द्वारा जुटाई गई बेनामी संपत्ति का ब्यौरा जुटाएगी। 

यूपी या दूसरे राज्यों में जहाँ भी संपत्ति है, उसको भी जाँच के दायरे में रखा जाएगा। अभिषेक प्रकाश लखनऊ में डीएम रहते भटगांव के जमीन अधिग्रहण घोटाले में भी जिम्मेदार ठहराये गए थे। उन पर एसएईएल सोलर पॉवर कंपनी के प्रोजेक्ट को मंजूर करने के लिए रिश्वत मांगने का भी आरोप है। 
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