मोदी सरकार अवैध घुसपैठियों पर सख्ती के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। गुरुवार को केंद्र सरकार संसद में "आव्रजन और विदेशी विधेयक" पेश करेगी, जिसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सदन में प्रस्तुत करेंगे। इस विधेयक के पारित होने के बाद सरकार को देश में रह रहे अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को चिन्हित कर देश से बाहर निकालने का कानूनी अधिकार मिल जाएगा।
विधिक आवाज़ समाचार
नई दिल्ली | रिपोर्ट: राजेश कुमार यादव
दिनांक: 28 मार्च 2025
क्या होंगे नए विधेयक के प्रमुख प्रावधान?अवैध घुसपैठियों की पहचान – सरकार को राज्यों में रह रहे अवैध प्रवासियों को चिन्हित कर कार्रवाई करने की शक्ति मिलेगी।
डिटेंशन सेंटर में भेजने का अधिकार – पकड़े गए अवैध घुसपैठियों को सीधे डिटेंशन सेंटर में रखने के लिए अब किसी अनुमति की जरूरत नहीं होगी।
फर्जी दस्तावेजों पर कार्रवाई – अवैध प्रवासियों के लिए जाली दस्तावेज तैयार करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
निर्वासन की प्रक्रिया होगी तेज – सरकार के पास ऐसे लोगों को देश से निर्वासित करने के लिए अधिक अधिकार होंगे।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और विपक्ष का रुख
इस विधेयक को लेकर राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने इसे मानवाधिकारों के खिलाफ बताया है, जबकि सरकार का कहना है कि यह विधेयक राष्ट्रीय सुरक्षा और जनसंख्या संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक है। गृह मंत्रालय का तर्क है कि अवैध प्रवासियों की वजह से संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
विधेयक के संसद में पेश होते ही इस पर बहस होने की संभावना है। अब देखना यह होगा कि सरकार इसे पास कराने में कितनी सफल होती है और इस पर विपक्ष का क्या रुख रहता है।
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