इंदौर : ऑनलाइन ठगी का पर्दाफाश, पुलिस ने फर्जी एडवायजरी कंपनी पर मारा छापा!" ( फर्जी एडवायजरी कंपनी) फाइनेंशियल स्कैम , साइबर क्राइम


फर्जी एडवायजरी कंपनी पर पुलिस की सख्त कार्रवाई, चार आरोपी गिरफ्तार

"इंदौर में बड़ा फर्जीवाड़ा, निवेश के नाम पर ठग रहे थे लोग!"
"पैसा निवेश करने जा रहे हैं? सावधान! इंदौर में पकड़ी गई फर्जी कंपनी"
"पहले भी गिरफ्तार हो चुका था मुख्य आरोपी, फिर भी कर रहा था ठगी!"

इंदौर। शहर में निवेश के नाम पर ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाली फर्जी एडवायजरी कंपनी के खिलाफ परदेशीपुरा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पाटनीपुरा चौराहा स्थित पहलवान कॉम्प्लेक्स में चल रही इस अवैध कंपनी पर छापा मारते हुए पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक मुख्य संचालक, एक युवक और दो युवतियां शामिल हैं।

पूर्व में भी हो चुकी है गिरफ्तारी : 

गिरफ्तार मुख्य आरोपी हर्ष सोलंकी पहले भी इसी तरह के मामले में पकड़ा जा चुका है। पुलिस ने मौके से तीन लैपटॉप, एक टैबलेट और छह मोबाइल फोन जब्त किए हैं, जिनका उपयोग ठगी में किया जा रहा था।

शिकायत के आधार पर हुई कार्रवाई

दिनांक 3 फरवरी 2025 को एक युवक ने परदेशीपुरा थाना पुलिस से शिकायत की थी कि हर्ष सोलंकी नामक व्यक्ति अपने साथियों के साथ मिलकर फर्जी एडवायजरी कंपनी चला रहा है। पुलिस ने तुरंत जांच के बाद दबिश दी, जहां चार संदिग्ध युवक-युवतियां मौजूद मिले। पूछताछ में आरोपियों ने संतोषजनक जवाब नहीं दिए और ऑफिस में मौजूद डिजिटल उपकरणों के बारे में भी स्पष्ट जानकारी नहीं दी।

आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज गिरफ्तार आरोपियों में

हर्ष सोलंकी (28 वर्ष, पंचशील कॉलोनी, मुसाखेड़ी)
साहिल नागवंशी (22 वर्ष, नेहरू नगर)
शीतल मोटघरे (तपेश्वरी बाग कॉलोनी)
हर्षिता इटवाल (सुखलिया) शामिल हैं।
इनके खिलाफ धारा 318(4), 316(2), 3(5) बीएनएस 2023 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस बैंक खातों और मोबाइल नंबरों की भी जांच कर रही है, जिससे अन्य ठगी के मामलों का खुलासा हो सके।

पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका

इस कार्रवाई में थाना प्रभारी परदेशीपुरा निरीक्षक आर. डी. कानवा, उपनिरीक्षक दीपक जामोद, प्रधान आरक्षक आशीष कुशवाह, आरक्षक गौरव शर्मा, विकास सिंह, मोहर सिंह, महिला आरक्षक प्रियंका चतुर्वेदी की अहम भूमिका रही।

पुलिस अब आरोपियों से पूछताछ कर यह पता लगाने में जुटी है कि इस फर्जी एडवायजरी कंपनी से अब तक कितने लोगों के साथ ठगी की जा चुकी है। इंदौर पुलिस की इस कार्रवाई को ऑनलाइन धोखाधड़ी रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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