समय प्रबंधन तनाव को कम करता है: डॉ. सुनीता गोधा।
- "क्या तनाव को अलविदा कहना चाहते हैं? जानें अल्पविराम का महत्व।"
- "समय प्रबंधन: तनावमुक्त जीवन का राज।"
- "शासकीय कर्मचारियों के लिए खास: तनाव कम करने की नई पहल।"
विधिक आवाज समाचार समूह से रिपोर्टर श्यामलाल चंद्रवंशी की रिपोर्ट :-
राज्य आनंद संस्थान द्वारा सीतामऊ में शासकीय कर्मचारियों के लिए अल्पविराम कार्यशाला का आयोजन
- समय प्रबंधन: तनाव कम करने का सबसे सरल उपाय।
- अल्पविराम का महत्व: मानसिक शांति और क्रोध नियंत्रण का माध्यम।
- स्वास्थ्य पर प्रभाव: तनाव से बीपी, शुगर जैसी बीमारियां बढ़ रहीं।
- विशेषज्ञों का संदेश: समस्याओं का समाधान हमारे भीतर ही छिपा है।
राज्य आनंद संस्थान, मध्यप्रदेश शासन द्वारा शुक्रवार को सीतामऊ के नटनागर शोध संस्थान में शासकीय कर्मचारियों के लिए विकासखंड स्तरीय एक दिवसीय अल्पविराम कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ एसडीएम शिवानी गर्ग, सीईओ डॉ. प्रभांशु कुमार सिंह, तहसीलदार मनोहर लाल वर्मा, नायब तहसीलदार प्रतिभा भाभर, और अन्य अधिकारियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। इस अवसर पर मास्टर ट्रेनर डॉ. सुनीता गोधा और डॉ. विनिता कुलश्रेष्ठ ने समय प्रबंधन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह तनाव को कम करने का सबसे प्रभावी उपाय है। उन्होंने बताया कि अव्यवस्थित दिनचर्या के कारण कर्मचारियों को बीपी, शुगर और अन्य बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
कार्यशाला में विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे। सीईओ डॉ. प्रभांशु कुमार सिंह ने कहा कि हर व्यक्ति के आनंद की परिभाषा अलग हो सकती है और प्राकृतिक वातावरण हमें आनंदित करता है। डॉक्टर मनीष मीणा ने जीवन में आनंद के उतार-चढ़ावों पर प्रकाश डाला, जबकि एसडीएम स्टेनो रायसिंह बघेल ने कार्यशाला को तनाव कम करने का प्रभावी माध्यम बताया। कार्यक्रम का संचालन अनिरुद्ध सिंह चौहान और महेंद्र सिंह सोलंकी ने किया, और आभार पंचायत इंस्पेक्टर कमलसिंह मोरी ने व्यक्त किया।