![]() |
इमेज संपादित , इमेज सोर्स गूगल सोशल मीडिया |
"गौतम अडानी पर रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप: अमेरिकी कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया"
(कीवर्ड: गौतम अडानी, रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी, अमेरिकी कोर्ट, गिरफ्तारी वारंट)
"गौतम अडानी और सागर अडानी पर रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप, अमेरिका में गिरफ्तारी वारंट जारी"
गौतम अडानी पर रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगे हैं, जिनमें अमेरिका में उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी, जिन्हें इस मामले में शामिल किया गया है, अब एक बड़ी कानूनी मुसीबत का सामना कर रहे हैं। यह आरोप अमेरिकी कोर्ट द्वारा उनके खिलाफ सुनवाई के बाद सामने आए हैं, और इस मामले ने न केवल अडानी ग्रुप बल्कि वैश्विक निवेशकों को भी चिंतित कर दिया है।
मुख्य आरोप
रिश्वतखोरी: आरोप है कि अडानी ग्रुप ने भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (लगभग 2237 करोड़ रुपये) की रिश्वत दी थी, जिससे उन्हें सोलर एनर्जी से संबंधित बड़े कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल हुए। अमेरिकी अभियोजकों का कहना है कि यह रिश्वतखोरी अडानी ग्रुप के वैश्विक व्यापारिक लाभ को बढ़ाने के लिए की गई थी।
धोखाधड़ी: अडानी और उनके साथियों पर यह आरोप है कि उन्होंने अमेरिकी निवेशकों और वित्तीय संस्थाओं से फंड जुटाने के लिए झूठे बयानों का सहारा लिया। इसके बाद इन फंड्स का गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया, जो न केवल अमेरिकी वित्तीय संस्थाओं के साथ धोखाधड़ी थी, बल्कि इसे गलत तरीके से पेश किया गया था।
बॉन्ड बिक्री रद्द
अमेरिका में आरोपों के बाद अडानी ग्रुप को एक बड़ा झटका लगा है। उन्होंने अपनी 600 मिलियन डॉलर की बॉन्ड बिक्री को रद्द कर दिया, जो पहले तीन गुना से अधिक ओवरसब्सक्राइब हो चुका था। इससे उनकी वित्तीय स्थिति पर असर पड़ा है और इसने वैश्विक निवेशकों को चिंतित कर दिया है।
संदिग्ध कोड नाम
अभियोग में यह भी दावा किया गया है कि अडानी को संदर्भित करने के लिए "द बिग मैन" और "न्यूमेरो यूनो" जैसे कोड नामों का उपयोग किया गया। यह कोड नाम उस समय के महत्वपूर्ण सौदों और रिश्वतखोरी के संदर्भ में इस्तेमाल किए गए थे, ताकि किसी प्रकार की कानूनी निगरानी से बचा जा सके।
ट्रंप और ऊर्जा नीति
गौतम अडानी ने डोनाल्ड ट्रंप को चुनाव में जीत पर बधाई दी थी और इसके बाद उन्होंने अमेरिका में ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में निवेश करने का ऐलान किया था। इस समय ट्रंप ने अमेरिकी ऊर्जा कंपनियों के लिए नियमों को सरल बनाने का वादा किया था, जिससे यह संभावना थी कि इन कंपनियों को लाभ मिलने वाला था। अडानी ग्रुप ने उसी समय ऊर्जा क्षेत्र में अपने निवेश को बढ़ाने का इरादा जताया था, जिससे उनके व्यापारिक संबंधों को लेकर सवाल उठे हैं।
अमेरिकी कानून 'विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम' के तहत मामला
अमेरिकी कानून 'विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम' (Foreign Corrupt Practices Act) के तहत अडानी ग्रुप और उनके सहयोगियों पर रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं। यह कानून विशेष रूप से विदेशी व्यापार सौदों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए बनाया गया था, और इसके तहत दोषी पाए जाने पर कड़ी सजा का प्रावधान है।
आरोपों में शामिल व्यक्ति
अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय (न्यूयॉर्क) के अनुसार, रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के मामले में कई प्रमुख व्यक्ति शामिल हैं। इनमें गौतम अडानी (62 वर्ष), सागर अडानी (30 वर्ष), विनीत जैन (53 वर्ष), रंजीत गुप्ता (54 वर्ष), सिरिल कैबनेस (50 वर्ष, फ्रांस/ऑस्ट्रेलिया), सौरभ अग्रवाल (48 वर्ष), दीपक मल्होत्रा (45 वर्ष) और रूपेश अग्रवाल (50 वर्ष) शामिल हैं।
प्रभाव
इस पूरे मामले ने अडानी ग्रुप की छवि को नुकसान पहुंचाया है। जहां एक ओर भारत में अडानी ग्रुप का नाम बडे़ कारोबारी समूहों में लिया जाता है, वहीं इन आरोपों ने उनके व्यापारिक साम्राज्य को लेकर सवाल उठाए हैं। इसके अलावा, अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है, जिससे कंपनी और इसके निवेशकों को बड़ा वित्तीय नुकसान हुआ है। वैश्विक स्तर पर यह मामला अन्य देशों में भी चिंता का कारण बन चुका है, खासकर निवेशकों के बीच।
यह पूरा मामला न केवल अडानी ग्रुप बल्कि व्यापारिक भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और वैश्विक वित्तीय नियमों के उल्लंघन का गंभीर उदाहरण बन गया है, जो भविष्य में व्यापारिक दुनिया के लिए एक चेतावनी हो सकता है।
#गौतम अडानी #रिश्वतखोरी #धोखाधड़ी
#अमेरिका #गिरफ्तारी वारंट #अडानीग्रुप
#सोलर एनर्जी #विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम
#बॉन्डरद्द #अमेरिकी निवेशक ।
विधिक आवाज समाचार समूह द्वारा आप सभी को जानकारी प्रेषित की जाती है। किसी भी तरह की घटना और जानकारी देने के लिए विधिक आवाज समाचार समूह के व्हाट्सएप नंबर 8827444598, 7223921583 पर भेज सकते हैं। विधिक आवाज समाचार समूह सिर्फ खबरों की कानूनी हकीकत बयां करता है।
पोस्ट बाय विधिक आवाज समाचार समूह ✍️✍️