संचालिका ने तथाकथित 8 से 10 लोग जो कि उनके कैफे में जबरदस्ती घुस आए थे और उनके साथ अप्रिय घटना घटित हुई है जिसके चलते उनके कैफे की और उनकी बदनामी हुई है जबकि वहां ऐसा कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ।
संचालीका का यह भी कहना है कि जो भी आपत्तिजनक वस्तु जो वहां प्राप्त हुई थी वह भी उन तथाकथित 8 से 10 लोगों द्वारा ही फेंकी गई थी।
नमस्कार स्वागत है आपका विधिक आवाज समाचार समूह मे , विधिक आवाज खबरों की कानूनी हकीकत तक जाता है और उसे प्रकाशित और प्रदर्शित करता है । मैं विश्वामित्र आपका स्वागत करता हूं आइए जानते है इस खबर की कानूनी हकीकत।
इंदौर में कैफे संचालीका को धमकाकर पैसे वसूलने का मामला सामने आया है ।
संचालिका अक्षिका जैन का कहना है की इंदौर बड़ा गणपति क्षेत्र में टी टू नाम का कैफे संचालित करती है जिसने कुछ अज्ञात लोग पत्रकार बनकर घुसे और वीडियो फोटो लेने लगे । और उन्हें धमका कर पैसों की डिमांड करने लगे । कैफे संचालिका का कहना है कि जो लोग कैफे में जबरदस्ती घुस आए थे वह खुद को मीडिया कर्मी बता रहे थे । उनका नाम पूछे जाने पर उन्होंने अपना नाम नहीं बताया लेकिन उनके हाथों में जो माइक था उस पर न्यूज24 एवं विस्तार न्यूज़ लिखा हुआ था ।
पत्रकारिता को तार तार करते हुए कैफे में जबरदस्ती घुस जाना बिना कोई सूचना और जानकारी दिए जबकि वहां ऐसा कुछ भी अवैधानिक घटित होता नहीं पाया गया ।
t2 कैफे संचालिका का कहना है कि किसी भी व्यक्ति को किसी की निजता का हनन करने का हक नहीं है कोई भी व्यक्ति पत्रकार या शासकीय अधिकारी बिना सूचना दिए या बिना किसी प्रशासनिक अधिकारी के किसी के भी व्यक्तिगत संस्थान में प्रवेश नहीं कर सकता है ।
अगर उन्हें हमारे कैफे में आना ही था तो संबंधित थाना क्षेत्र में सूचित करके वहां से दो लोग को ले आते तो बात समझ में भी आती ।
तथाकथित लोगों द्वारा यह कृत्य t 2 कैफे संचालीका एवं मकान मालिक को बदनाम करने के तहत यह कृत्य घटित किया गया है क्योंकि बड़ा गणपति क्षेत्र में कई कैफे चल रहे हैं लेकिन हर बार सिर्फ उन्ही को बदनाम करने के लिए लोग बार-बार हमारे कैफे में आ रहे हैं और हमें सिर्फ बदनाम करने की कोशिश कर कर हमसे मोटी रकम प्राप्त करना चाहते हैं ।
कैफे में मौजूद युवक युवतियां इस घटना के बाद से खुद को असुरक्षित महसूस करने लगी। जब वे हाथो में कैमरे माइक लेकर कैफे में जबजस्ती घुसे तथा वीडियो एवं फोटो लेने लगे तब वहां अफरा तफरी मच गई जहां पर बैठे युवक एवं युवतियां घबराकर भागने लगे लेकिन वहां पर ऐसा कुछ भी घटित होते हुए प्राप्त नहीं हुआ है ।
पत्रकारिता का एक नियम है कि बिना तथ्यों के आधार पर आप किसी को भी दोषी करार नहीं दे सकते पत्रकार की यह जिम्मेदारी होती है कि वह सिर्फ सत्य घटनाओं को ही प्रकाशित एवं प्रदर्शित कर सकता है ।
खुद को मान बैठे जज खुद ने ही ले लिया फैसला
अगर वहां ऐसा कुछ अवैधानिक कृत्य घटित हो रहा था तो उन लोगों ने संबंधित थाना क्षेत्र एवं संबंधित प्रशासनिक अधिकारी को सूचित क्यों नहीं किया ? खुद को मान बैठे जज खुद ने ही ले लिया फैसला ।
कैफे संचालिका एवं बिल्डिंग मालिक का कहना है कि वीडियो कहीं और का वीडियो किसी और जगह की किसी और कैफे का और वीडियो को माध्यम बनाकर घुसे t2 कैफे में ।
टीटू कैफे संचालिका का कहना है कि पूर्व में सिमोन कैफे का वीडियो वायरल हुआ था जो की अब वहा स्थित नहीं है और वही का वीडियो दिखाकर हमे डराया गया और हमे बदनाम किया गया । 4 साल से संचालित कर रही है कैफे आज तक कोई भी आपत्तिजनक घटना घटित नहीं हुई है ।
यह मामला पहुंचा पुलिस प्रशासन के हाथों में
कैफे संचालीका पहुंची पुलिस प्रशासन की शरण में और लिखित में दिया आवेदन संबंधित थाना क्षेत्र मल्हार गंज एवं एसपी कार्यालय को ।
पुलिस ने लिया यह मामला संज्ञान में और यह आश्वासन दिया कि संबंधित घटना की पूर्ण रूप से जांच की जाएगी और दोषियों को सजा दी जाएगी ।
विधिक आवाज न्यूज से विश्वामित्र अग्निहोत्री की खास खबर।
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