इन सब सवालों की चर्चा जब संभागीय कार्यालय उत्तर शहर संभाग कार्यपालन यंत्री विनय प्रताप सिंह जी से चर्चा करी तो उनके माध्यम से कई तथ्य उजागर हुए ।
विनय प्रताप सिंह संभागीय कार्यालय उत्तर शहर संभाग इंदौर का क्षेत्र संभाल रहे हैं 168000 उपभोक्ताओं के साथ 2131 सोलर उपभोक्ताओं को अपनी सेवा प्रदान कर रहे है । 2007 बैच के विनय प्रताप सिंह रतलाम , महिदपुर , बड़नगर , इंदौर इन शहरों ने नियुक्त रह चुके है ।
विनय प्रताप सिंह ने बताया की बिजली बिल को लेकर उपभोक्ता अक्सर विद्युत मंडल के कर्मचारियों को कोसते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि कर्मचारियों की ओर से गलती या लापरवाही हो रही है। उन्होंने बताया की कभी-कभी बिजली के बिल में ग़लत रीडिंग या अधिक राशि आ जाती है, जिससे उपभोक्ता नाराज़ हो जाते हैं और इसका दोष कर्मचारियों पर मढ़ते हैं।
पूर्व में उपभोक्ताओं को समय पर बिल नहीं मिलता था या किसी कारण से देरी हो जाती थी , तो वे इसे कर्मचारियों की लापरवाही मानने लग जाते थे , लेकिन अब यह समस्या भी पूर्ण रूप से खत्म हो चुकी है क्योंकि अब डिजिटल युग है तो सभी की उनके बिल उनके मोबाइल पर आ जाते है और वो अब हमारे पोर्टल उर्जास से भी खुद बिल देख सकते है और पिछले महीनों के भी बिल प्राप्त कर सकते है ।
अत्यधिक शुल्क: बिजली के रेट बढ़ने पर भी उपभोक्ता इसे विद्युत मंडल की गलती मानते हैं, जबकि यह सरकार या नीति से संबंधित होता है।
उपभोक्ता जब अपनी समस्या को लेकर शिकायत करते हैं और उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिलता, तो वे कर्मचारियों पर गुस्सा निकालते हैं। जिससे उपभोक्ताओं में और कर्मचारियों में मदभेद होने लगते है ।
कई बार बिजली के असमय कटने पर भी उपभोक्ता विद्युत मंडल के कर्मचारियों को दोषी ठहराते हैं, भले ही इसका कारण तकनीकी हो।
इन कारणों से उपभोक्ताओं का गुस्सा कर्मचारियों पर निकलता है, हालांकि इसमें हमेशा उनकी गलती नहीं होती।
विधिक आवाज के सह संपादक विश्वामित्र अग्निहोत्री जी ने जब कार्यपालन यंत्री विनय प्रताप सिंह जी बिजली चोरी को रोकने के लिए उपाय पूछे तो उन्होंने बताया की
स्मार्ट मीटर का उपयोग:
पारंपरिक मीटरों की जगह स्मार्ट मीटर लगाने से बिजली की खपत को सही तरीके से ट्रैक किया जा सकता है। ये मीटर दूर से पढ़े जा सकते हैं और इनका छेड़छाड़ करना मुश्किल होता है।
कानूनी सख्ती:
बिजली चोरी पर कड़े कानूनी नियम और भारी जुर्माना लगाया जाए। साथ ही, बिजली चोरी में पकड़े जाने पर तुरंत कार्रवाई की जाए।
सार्वजनिक जागरूकता अभियान:
लोगों को बिजली चोरी के खतरों और इसके दुष्परिणामों के बारे में जागरूक किया जाए। ऐसा करने से लोग खुद भी चोरी रोकने में सहयोग करेंगे।
रेगुलर इंस्पेक्शन:
बिजली वितरण कंपनियों को नियमित रूप से अपने उपकरणों और कनेक्शनों की जांच करनी चाहिए, ताकि चोरी के मामलों का जल्दी पता चल सके।
टेक्नोलॉजी का उपयोग:
बिजली चोरी को पकड़ने के लिए सॉफ्टवेयर और एल्गोरिदम का उपयोग किया जा सकता है, जो असामान्य खपत पैटर्न को पहचान सकते हैं।
इन उपायों से बिजली चोरी को काफी हद तक रोका जा सकता है।
सोलर पैनल को लेकर सरकार कई ठोस कदम उठा रही है जिसको लेकर सिंह ने कहा कि सोलर पैनल के उपभोक्ताओं को बढ़ाने के लिए कई रणनीतियाँ अपनाई जा सकती हैं।
सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना:
सोलर एनर्जी के लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अभियान, सेमिनार, और वर्कशॉप आयोजित की जा सकती हैं। सोशल मीडिया, टीवी, रेडियो और अखबारों के माध्यम से विज्ञापन चलाना भी एक अच्छा तरीका है।
सोलर पैनल का उपयोग कर रहे लोगों के सफल उदाहरण प्रस्तुत करने से नए उपभोक्ताओं को इसे अपनाने में प्रेरणा मिलती है ।
निवेश पर लाभ (ROI) का प्रदर्शन: लोगों को यह समझाना कि सोलर पैनल की शुरुआती लागत समय के साथ कैसे कम हो जाती है, और इससे बिजली के बिल में कितनी बचत हो सकती है, उन्हें इस तकनीक को अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।
इन उपायों के माध्यम से सोलर पैनल के उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ाई जा सकती है।
बिजली का बिल कम करने के लिए आप कुछ सरल उपाय अपना सकते हैं:
ऊर्जा दक्ष उपकरणों का इस्तेमाल करें: पुराने और अधिक ऊर्जा खपत करने वाले उपकरणों को बदलकर ऊर्जा दक्षता वाले (5-स्टार रेटेड) उपकरणों का उपयोग करें। जैसे LED बल्ब, इन्वर्टर फ्रिज, और ऊर्जा दक्ष पंखे।
अनावश्यक लाइट और उपकरण बंद करें: जब भी किसी कमरे में न हों, लाइट, पंखे, और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बंद कर दें।
सोलर पैनल का उपयोग करें: यदि संभव हो तो घर की छत पर सोलर पैनल लगवाएं, इससे बिजली का इस्तेमाल कम होगा और बिल भी घटेगा।
इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को स्टैंडबाई मोड में न रखें: टीवी, कंप्यूटर, और अन्य उपकरणों को जब इस्तेमाल न कर रहे हों तो पूरी तरह बंद करें। स्टैंडबाई मोड में भी बिजली खर्च होती है।
ठंडक या गर्मी से बचाव करें, घर की खिड़कियों और दरवाजों की उचित सीलिंग करें ताकि एसी या हीटर का उपयोग कम हो। AC का सही तरीके से उपयोग करें , एसी को 24-26 डिग्री पर सेट करें। ज्यादा ठंडा या गर्म करने पर अधिक ऊर्जा खर्च होती है।
स्मार्ट मीटर का उपयोग करें , स्मार्ट मीटर से आप अपने बिजली उपयोग को ट्रैक कर सकते हैं और अनावश्यक खपत को कम कर सकते हैं।
वाशिंग मशीन और अन्य बड़े उपकरणों का उचित उपयोग , वाशिंग मशीन, गीजर, और अन्य बड़े उपकरणों का उपयोग दिन के कम बिजली उपयोग वाले समय में करें।
इन उपायों को अपनाकर आप बिजली का बिल काफी हद तक कम कर सकते हैं।
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