अफीम नीति समय पर घोषित नहीं होने से किसान चिंतित..


जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण सितंबर माह में अफीम नीति घोषित होने वाले अवटूबर माह के अंत अफीम नीति घोषित नहीं होने से किसान चिंतित 

✍️विधिक आवाज न्यूज़ समूह श्यामलाल चंद्रवंशी जिला मंदसौर 26 अक्टूबर 2024

सीतामऊ सितंबर माह में होने वाली अफीम नीति घोषित नहीं होने से प्रदेश के किसान चिंतित एवं बेहाल है अब शीघ्र ही संसदीय क्षेत्र के सांसद सुधीर गुप्ता एवं जनप्रतिनिधियों को किसान हित को लेकर ध्यान देना चाहिए ।

 उल्लेखनीय तथ्य यह भी है कि अफीम नीति में देरी होने कारण प्रदेश के किसान परे शानियों से जूझ रहे है इसका कारण यह है कि सितंबर माह में घोषित होने वाली नीति अवटूबर माह तक घोषित नहीं हुई है , इसका असर अफीम किसानों के ऊपर भारी पड़ेगा क्योंकि अफीम की गुणवत्ता ठंड में होती हैं लेकिन देरी होने के कारण गमीं का दौरा प्रारंभ हो जाता है जिस कारण अफीम डोडो पर चीरा लगाकने के बाद जो अफीम निकलता है वह जमीं के कारण पूरा फैल जाता है, जिससे अससे अफीम किसानों को औसतन में कमी आने की संभावना बनी रहती हैं । 

आखिरकार अफीम नीति में हर साल देरी होने का क्या कारण होता है एवं जनप्रतिनिधि भी इस और विशेष ध्यान नहीं देते हैं हालांकि अफीम नीति घोषित होने की संभावना प्रतिशत होती हो रही हैं ऐसे में पट्टे वितरण करने में लगभग दो हफ्ते लग सकते हैं , वही मृतक नामांतरण अफीम पट्टे में भी अधिक समय लगता है क्योंकि मृतकों के नाम जिले में कई अफीम के पट्टे होंगे जिससे उसके परिवारजन को पट्टे लेने में काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ेगा । इस रिथति में संसदीय क्षेत्र के सांसद सुधीर गुप्ता एवं जनप्रतिनिधियों को अफीम किसानों के हित में अफीम नीति को समय से पहले केंद्र सरकार को घोषित कर देना चाहिए , जिससे किसानो को अफीम की खेती करने में सहूलियत मिल सके ।

अक्टूबर माह के अंत तक अफीम नीति की घोषणा न होने से किसानों में चिंता का होना स्वाभाविक है। जनप्रतिनिधियों की उदासीनता इस देरी का एक प्रमुख कारण मानी जा रही है, क्योंकि अफीम की खेती से जुड़े किसान अपनी फसल की योजना बनाने के लिए सरकार की नीतियों पर निर्भर होते हैं। सितंबर में नीति घोषित होने की उम्मीद थी, लेकिन इसमें हो रही देरी किसानों की असमंजस को बढ़ा रही है।

अफीम की खेती वाले क्षेत्रों में किसानों के लिए यह नीति महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके आधार पर उन्हें फसल बोने, उत्पादन करने और बाजार में बेचने की दिशा मिलती है। ऐसे में अगर नीति में देरी होती है, तो किसानों को आर्थिक और मानसिक रूप से नुकसान झेलना पड़ सकता है।

किसान को अफीम ओसतन में मजबूरी का सामना न करना पड़े अफीम नीति में देरी होने से मंदसौर विधायक विपिन जैन ने भी वित मंत्री को किसान हित में पत्र लिखकर अफीम नीति को जल्द से जल्द घोषित करने की पहल की हैं ।

वही अफीम किसानो संघ अध्यक्ष ने भी जल्द जल्द अफीम नीति घोषित की मांग कर सरकार से निवेदन किया ।🙏🙏✔️✔️

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