इंदौर : डिवाइन ज्वेलर्स पर दो केस दर्ज, करोड़ों की हेराफेरी के आरोप


विधिक आवाज इंदौर खबर: इंदौर के बड़े सराफा कारोबारी डिवाइन ज्वेलर्स पर दो केस दर्ज, करोड़ों की हेराफेरी के आरोप 

  • 1 करोड़ 34 लाख रुपए से ज्यादा का पेमेंट ऐसे लोगों को किया गया, जो इस व्यवसाय से जुड़े ही नहीं है।
  • त्योहारी सीजन के ठीक पहले इंदौर के डिवाइन ज्वेलर्स के संचालकों पर करोड़ों की धोखाधड़ी का केस दर्ज हो गया है। 
  • मामला 12 करोड़ रुपए से ज्यादा का बताया जा रहा है। 
  • जिन्हें पैसे दिए वह भी इस व्यवसाय के नहीं
  • कर्नाटका बैंक के मैनेजर ने दर्ज करवाई एफआईआर
  • संदिग्ध लेनदेन में भी दर्ज हुई एफआईआर

त्योहारी सीजन के पहले ही इंदौर के एक बड़ा सराफा कारोबारी पर क्राइम ब्रांच ने दो केस दर्ज किए हैं। दोनों ही केस धोखाधड़ी के मामले में दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने बताया है कि सभी कागज जांचें जा रहे हैं। जांच के बाद धाराएं बढ़ाई जा सकती हैं। इंदौर में डिवाइन ज्वेलर्स के संचालकों के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने धोखाधड़ी के दो केस दर्ज किए हैं। कर्नाटका बैंक ने दोनों केस दर्ज करवाए हैं। मामला 12 करोड़ रुपए से ज्यादा का बताया जा रहा है। 
 
त्योहारी सीजन के पहले ही इंदौर के एक बड़ा सराफा कारोबारी पर क्राइम ब्रांच ने दो केस दर्ज किए हैं। दोनों ही केस धोखाधड़ी के मामले में दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने बताया है कि सभी कागज जांचें जा रहे हैं। जांच के बाद धाराएं बढ़ाई जा सकती हैं। इंदौर में डिवाइन ज्वेलर्स के संचालकों के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने धोखाधड़ी के दो केस दर्ज किए हैं। कर्नाटका बैंक ने दोनों केस दर्ज करवाए हैं। मामला 12 करोड़ रुपए से ज्यादा का बताया जा रहा है। 

कर्नाटका बैंक के मैनेजर ने दर्ज करवाई एफआईआर
क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कर्नाटका बैंक के मैनेजर अमित कुमार की शिकायत पर डिवाइन ज्वेलर्स के गौरीशंकर सोनी, राजेश सोनी, कंचना देवी, मौसूम, मनोज सोनी, पूनम सोनी और नेहा सोनी पर केस दर्ज किया गया है। जांच में डिवाइन ज्वेलर्स के बैंक स्टेटमेंट और लोन सेंक्शन के पेपर्स को ऑडिटर ने संदिग्ध माना था। पुलिस अधिकारी के मुताबिक बड़ा सराफा में डिवाइन ज्वेलर्स के खातों की जांच कराई गई। इसमें सामने आया कि दिसंबर 2020 में स्टॉक स्टेटमेंट 775.26 लाख रुपए का बताया गया। ऑडिट कराने पर 320.7 लाख रुपए ही निकला। 

बैंक के लोन टर्म एंड कंडीशन के हिसाब से अमाउंट का उपयोग ज्वेलरी के लिए करना था। लेकिन उसका उसका उपयोग निजी कामों और फंड जनरेट करने के लिए कर लिया गया। 

डिवाइन ज्वेलर्स को यह पैसा कर्नाटका बैंक में रखना था। इस शर्त का उल्लंघन करते हुए पैसा आईसीआईसीआई बैंक में डायवर्ट कर दिया।

आरोपी संचालकों ने कोरोनाकाल में सोना खरीदने का बिल देना बताया। वहीं स्टॉक को कच्चे बिल में बेचकर वर्किंग कैपिटल जमा नहीं कराई। दोनों मामलों में चेक करने पर तारीखों में अंतर मिला है। इस तरह संदिग्ध लेनदेन को सही बताने का प्रयास करने और फंड से जमीन खरीदने के भी आरोप हैं।

1 करोड़ 34 लाख रुपए से ज्यादा का पेमेंट ऐसे लोगों को किया गया, जो इस व्यवसाय से जुड़े ही नहीं है। क्राइम ब्रांच के मुताबिक इनके नाम प्रियंका केवलिया, करुणा लबड़े, श्याम राव, राकेश जैन, मुकेश कुमार खत्री, राकेश कुमार उपाध्याय, अंगुली जैन, रानी जैन, ज्योति लबड़े, अजित कुमार जैन, गरिमा, प्रीति जैन, अभय कुमार जैन, विभा जैन, पिंकी कसेरा हैं।

क्राइम ब्रांच ने डिवाइन ज्वेलर्स के एक और फर्जीवाड़े में दिलीप सोनी, मनोज, गौरीशंकर, राजेश, कंचना देवी, मौसूम पर एक अन्य प्रकरण भी दर्ज किया है। इसमें भी कर्नाटका बैंक की तरफ से ही एफआईआर कराई गई है। 73 लाख रुपए से ज्यादा का संदिग्ध लेनदेन ओजस्वी जैन, सनत कुमार जैन, तारा जैन, अर्जुन सिंह, प्रीति देवी, कपिल जैन, भारती जैन, रामबिहारी श्रीवास्तव, प्रीति सारस्वत को करने का आरोप है। ऑडिट बैलेंस शीट में हेरफेर किया गया। उन्हें भी कोविड के दौरान सोना खरीदना-बेचना बताया गया। 

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✍️✍️पोस्ट बाय: अग्निहोत्री✍️✍️


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