हम तो बचेंगे दारू जो करना है कर लो। रोक सको तो रोक कर बताओ सब को रखते है जेब में
इंदौर से लगे इलाकों में किराना दुकानों एवं गुमटियों पर धड़ल्ले से शराब की अवैध बिक्री हो रही है। लेकिन इस पर प्रशासन की ओर से कोई भी कार्रवाई और ध्यान नहीं दिया जा रहा है ।
इंदौर में एक स्थान ऐसा जहा सालो से अवैध शराब का धंधा चल है ।
फोनिक्स टाउनशिप रेलवे क्रॉसिंग पर नाबालिक बच्चे बेच रहे शराब।
नशा मुक्त इंदौर कैसे बनेगा जब कोई नही होती कार्यवाही
किराना दुकानों एवं गुमटियों पर बिकती है अवैध शराबः कैसे होगा ये सब ? कौन करेगा ? कौन लगाएगा इन पर अंकुश ?
इंदौर। इन दिनों इंदौर में देवास नाका , मांगलिया , फोनिक्स , में छोटी - छोटी दुकानों एवं गुमटियों पर धड़ल्ले से शराब की अवैध बिक्री हो रही है, जबकि आबकारी विभाग मुख्य रूप से अवैध शराब बिक्री रोकने पर लगातार काम कर रहा है । लेकिन ठेकेदारों द्वारा आबकारी विभाग का कोई भय नहीं ठेकेदार पैसों के दम पर आबकारी विभाग को अपनी जेब में रखकर घूमते है।
आबकारी विभाग अपनी खुद की कुछ नीतियां बनाकर शराब व्यापार का संचालन व निगरानी के लिए जिम्मेदार होता है, लेकिन क्षेत्र में अवैध शराब को लेकर कार्रवाई नहीं हो रही है या ऐसा कह सकते है आबकारी विभाग कार्यवाही करना नही चाहता । ठेकेदारों के द्वारा डायरी बनाकर छोटे छोटे इलाको में अवैध रूप से शराब का परिवहन एवं बिक्री की जा रही है । आबकारी और पुलिस प्रशासन आंखो पर पट्टी बांध कर बैठा है ।
इंदौर में एक स्थान ऐसा जहा सालो से अवैध शराब का धंधा चल है । कोरोना काल में भी धड़ल्ले से बिकी यहां शराब
चाहे 2 अक्टूबर हो , चाहे वोट डालने वाला दिन ही क्यू न हो , कोई भी ड्राई डे हो यहां मिलती है अवैध शराब । जी हा आप समझ गए होंगे 51 नंबर स्कीम की जिसके कारण पूरे मोहल्ले के लोगो को घर छोड़ छोड़ कर भागना पड़ा इंदौर का सबसे पॉश इलाजव। लेकिन किसी में नहीं इतनी हिम्मत की वहा कोई करवाही कर सके । कोरोना काल में भी धड़ल्ले से बिकी यहां शराब ।
जानकारी के अनुसार सरकार ने शराब बिक्री के लिए नियमानुसार लाइसेंस जारी किए हैं, ताकि शराब की बिक्री सरकार के निर्धारित मापदंड अनुसार ही हो सके। इसकी पूरी जिम्मेदारी आबकारी विभाग की रहती है । लेकिन इंदौर में तो जैसे आबकारी विभाग को सांप सूंघ जाता है । जिले के ग्रामीण क्षेत्र में अवैध शराब धड़ल्ले से बिक रही है । अवैध शराब बिक्री पर शासन प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है । अवैध शराब बिक्री से ठेकेदार तो मालामाल हो रहा है, लेकिन किराना दुकानों पर अवैध शराब बिक्री से गांव का माहौल बिगड़ रहा है ।
फोनिक्स टाउनशिप रेलवे क्रॉसिंग पर नाबालिक बच्चे बेच रहे शराब।
पूरा मांगलिया थाना क्षेत्र को खबर है यहां तक की पूरे इंदौर में खबर है की मांगलिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत करीब दर्जनों डायरिया चल रही है जो की पूरी तरह से अवैध है लेकिन लसुड़िया थाना पुलिस को कोई जानकारी नहीं ।
बजरंग कांकड़, मांगलिया इंडस्ट्रियल एरिया जहा बेखौफ शराब बिक रही आखिर क्यों नहीं होती इनपर कार्यवाही ?
ठेकेदारों से जानकारी प्राप्त करो तो धमकी देते है थानों की और कहते है की भईया करोड़ों का टेंडर लिया है अवैध नही बेचेंगे तो पैसा कैसे निकलेगा थानों तक पैसा बटता है , गौर करने वाली बात तो यह है की ठेकेदारों की बात सही भी है तभी तो पुलिस प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठाता,और आबकारी विभाग इंस्पेक्टर से बात करे तो वो मुंह छिपाते फिरते है ।
आबकारी का नियंत्रण नही पुलिस भी कर रही परहेज
शहर के अधिकतर क्षेत्रो में अवैध शराब बिक्री की जानकारी होने के बाद भी आबकारी विभाग का इसमें नियंत्रण नही रह गया है। शहर के सिमरोल, सिमरोल से सटे क्षेत्र , देवास नाका , मांगलिया , देवास नाके मांगलिया से सटे क्षेत्र , बस्तियों में में रोजाना अवैध शराब बिक्री चरम पर है। पुलिस प्रशासन भी अवैध शराब बिक्री की कार्यवाही से मुंह मोड़ चुका है जबकि आबकारी विभाग केवल शराब दुकान के आसपास चखना दुकानों को साधने तक सीमित हो चुकी है। अवैध शराब की बिक्री शहर के साथ ग्रामीण इलाकों में भी शबाब पर है। आसपास के ग्रामीण इलाकों में भी शहर सहित आसपास की शराब दुकानों के ठेकेदारो द्वारा बड़ी मात्रा में डायरिया बना कर शराब बेची जा रही है।
शराबियों के आतंक से परेशान रहवासी : गांव में आसानी से शराब मिलने के कारण ग्रामीण शराब का सेवन अधिक करने लगे है, जिससे छोटी-छोटी बात पर बहस होती है और बात लड़ाई झगड़े तक पहुंच जाती है। ग्रामीण शराबियों के आतंक से परेशान है. वहीं, मांगलिया , देवास नाका में गली-गली स्थित किराना दुकानों पर शराब की अवैध बिक्री से शाम के समय महिलाएं घर से बाहर निकलने में संकोच करती है । वह अपने आप को असुरक्षित महसूस करती है। साथ ही पुरुष शराब पीकर महिलाओं के साथ गाली-गलौज करते है। कई बार मारपीट भी करते है। ऐसे में घरेलु हिंसा और पारिवारिक विवाद भी बढ़ते है।
सबसे बड़ा सवाल यह है की अवैध शराब बिक्री पर लगाम नही लगा पा रहे विभाग
कैसे होगा ये सब ? कौन करेगा ? कौन लगाएगा इन पर अंकुश ?
।। खबरों की कानूनी हकीकत ।।