India GDP: डेढ़ साल में सबसे कम रहेगी भारत की जीडीपी,


India GDP: डेढ़ साल में सबसे कम रहेगी भारत की जीडीपी, ICRA ने इकोनॉमी की रफ्तार घटने की वजह ये बताईं

Indian Economy: रेटिंग एजेंसी ICRA ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में भारत की जीडीपी डेढ़ साल (6 तिमाही) के निचले स्तर तक गिरेगी. इसकी मुख्य वजहों में से अप्रैल-जून में हुए चुनाव भी हैं.

ICRA Rating: रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर (जीडीपी) के 6.0 फीसदी पर रहने का अनुमान है. ये पिछली छह तिमाहियों यानी डेढ़ साल में सबसे कम होगी. इक्रा के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही की देश की जीडीपी में गिरावट देखी जा सकती है. वहीं इक्रा ने पूरे वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी दर के 6.8 फीसदी पर रहने की उम्मीद जताई है. इक्रा के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी दर 6.8 फीसदी और जीवीए (ग्रॉस वैल्यू एडेड) दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है 


भारत की GDP पहली तिमाही में छह फीसदी रहने का अनुमान- ICRA Ratings

भारत की रेटिंग एजेंसी ने बयान में कहा, "इक्रा ने कैपिटल एक्सपेंडीचर में कमी और अर्बन कंज्यूमर कंजम्पशन (शहरी उपभोक्ता मांग) में गिरावट के बीच वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में जीडीपी के छह फीसदी पर आने का अनुमान लगाया है जो पिछली छह तिमाही में सबसे कम होगा. वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में जीडीपी दर 7.8 फीसदी थी. सरकार की तरफ से कैपिटल एक्सपेंडीचर में कमी और शहरी उपभोक्ता मांग में नरमी के चलते ये आर्थिक विकास दर कुछ धीमी रहेगी."

इक्रा ने पहली तिमाही में GDP दर को चुनाव से क्यों जोड़ा-जानें

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री (चीफ इकोनॉमिस्ट) अदिति नायर ने कहा "चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में आम चुनाव हुए थे. इस दौरान केंद्र और राज्य सरकारें पूंजीगत व्यय करने में पीछे रहीं क्योंकि आदर्श आचार संहिता यानी मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट (MCC) लागू होने की वजह से नियमबद्ध थीं. लिहाजा केंद्र और राज्य सरकारों ने इससे पिछली तिमाही के मुकाबले योजनाओं पर कम खर्च किया. इसका असर देश की आर्थिक विकास दर घटने के रूप में देखा जा सकता है और वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी 6.8 फीसदी रह सकती है. वित्त वर्ष 2023-24 में 8.2 फीसदी की रफ्तार से भारत की इकोनॉमी दौड़ी थी.

RBI भी जता चुका है अर्बन डिमांड में गिरावट पर चिंता


भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे के मुताबिक शहरी कंज्यूमर कॉन्फिडेंस में गिरावट दर्ज की गई है जो हैरान करने वाली लग रही है. पिछले साल के मुकाबले 2024 के मानसून की शुरुआत में असमानता रहने के चलते गांवों की डिमांड में सुधार नहीं हो पाया. वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था ने 8.2 फीसदी की जीडीपी दर हासिल की थी जिसे अच्छे मानसून से खासा सपोर्ट मिला था.

30 अगस्त को आएंगे जीडीपी के आंकड़े

सांख्यिकी व कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MOSPI) अप्रैल-जून तिमाही की विकास दर का आंकड़ा 30 अगस्त को जारी करेगा. वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही में आर्थिक विकास दर 8.2 फीसदी पर रही थी. MoSPI (सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय) ने जून तिमाही का जीडीपी डेटा 30 अगस्त को जारी करने का ऐलान कर दिया है.

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