टाटा से मुकाबले के लिए मुकेश अंबानी ने चीनी कंपनियों से मिलाया हाथ! जानिए क्या है मामला

 

नई दिल्ली: टाटा और रिलायंस देश के दो सबसे बड़े औद्योगिक घराने हैं। लेकिन रिटेल सेक्टर खासकर फैशन बिजनस में टाटा ग्रुप मुकेश अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस ग्रुप पर भारी पड़ रहा है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट को मुताबिक टाटा ग्रुप का मुकाबला करने के लिए अंबानी अब चीन की कंपनियों से हाथ मिला रहे हैं। टाटा ग्रुप की रिटेल यूनिट ट्रेंट की बिक्री डॉलर के लिहाज से महामारी से पहले के स्तर से तीन गुना बढ़ गई है। कंपनी के नेट प्रॉफिट में भी 12 गुना इजाफा हुआ है। कंपनी के इन-हाउस फास्ट-फैशन ब्रांड जूडियो ने सस्ते दामों पर ट्रेंडी कपड़ों के साथ युवा ग्राहकों का ध्यान आकर्षित किया है। चार साल पहले देश में केवल 80 जूडियो स्टोर थे। पिछली तिमाही में यह संख्या लगभग 560 तक पहुंच गई।

देश की सबसे वैल्यूबल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पिछले एक साल में अपनी रिटेलिंग यूनिट में 2 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है। साथ ही रिलायंस रिटेल ने महामारी के दौरान जनरल अटलांटिक और सिल्वर लेक पार्टनर्स के साथ-साथ मध्य पूर्व और सिंगापुर में सॉवरेन वेल्थ फंड से 6 अरब डॉलर से ज्यादा जुटाए। पिछले साल कंपनी ने कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी और केकेआर एंड कंपनी से 100 अरब डॉलर की वैल्यूएशन पर और ज्यादा पैसे जुटाए। अब अंबानी की योजना इस यूनिट को ब्लॉकबस्टर आईपीओ या स्पिनऑफ की ओर ले जाने की है। इसके लिए उन्हें फास्ट-फैशन के ताज की सख्त जरूरत है।

शीन का साथ

अब एंट्री होती है शीन की। भारत ने चीन के साथ साल 2020 में सीमा पर हुई झड़पों के बाद चीन के कुछ ऐप्स पर पाबंदी लगा दी थी। भारतीय युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय ई-कॉमर्स फर्म शीन को भी भारत छोड़ना पड़ा। अब सरकार अपने रुख में ढील दे रही है और शीन भी वापसी कर रही है। लेकिन उसका प्लेटफॉर्म, डेटा और ऑपरेशन रिलायंस के कंट्रोल में रहेगा। शीन के लिए यह अच्छी खबर है। नानजिंग में बनी इस कंपनी का हेडक्वार्टर अब सिंगापुर में है। यह दुनिया की सबसे बड़ी वेब-ओनली फैशन ब्रांड है जो अपना IPO आने वाली है। फर्म के साथ साझेदारी अंबानी के तरकश में सबसे बड़ा हथियार हो सकता है।

एक साल पहले अंबानी ने Yousta लॉन्च किया। यह एक स्टोर है जहां सब कुछ 999 रुपये से कम में उपलब्ध है। इसका सीधा मुकाबला Zudio से है। लेकिन अब तक यह अपेक्षित परिणाम नहीं दे पाया है। जून तिमाही में रिलायंस रिटेल की 8% सेल्स ग्रोथ मुख्य रूप से एयर-कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर, टीवी और किराने के सामान से हुई। फैशन और लाइफस्टाइल में कंपनी का प्रदर्शन कमजोर रहा। रिलायंस रिटेल 36 अरब डॉलर से ज्यादा के रेवेन्यू के साथ ट्रेंट से कहीं बड़ी कंपनी है। टाटा ग्रुप की कंपनी का रेवेन्यू 1.5 अरब डॉलर है। फिर भी ट्रेंट ने पिछली तिमाही में बिक्री में 56% की ग्रोथ दर्ज की। कंसल्टिंग फर्म वजीर एडवाइजर्स के मुताबिक देश में वैल्यू रिटेल का बाजार 2026 तक 170 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।

किसे होगा फायदा

इसमें कपड़ों की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। स्पिनऑफ या आईपीओ के नजदीक आने के साथ ही अंबानी को जल्दी ही इस बाजार में छाने की जरूरत है। उन्होंने अपनी उत्तराधिकार योजना में रिटेल बिजनस ईशा अंबानी के लिए रखा है। वह अपनी बेटी के हाथ में एक परिपक्व बिजनस सौंपना चाहते हैं। इससे अंबानी और रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा के बीच एक दिलचस्प प्रतिस्पर्धा शुरू हो सकती है। नोएल टाटा ने जारा का एक सस्ता, अधिक सर्वव्यापी देसी वर्जन बनाने का लक्ष्य रखा है। जारा की पेरेंट कंपनी इंडिटेक्स एसए लंबे समय से टाटा की पार्टनर है। नोएल ने अपना काम बखूबी किया है। पिछले एक साल में ट्रेंट के शेयरों में तीन गुना बढ़ोतरी हुई है।

ट्रेंट अन्य जगहों पर जूडियो के निजी ब्रांडों की सफलता को दोहरा रहा है। टाटा ग्रुप यूके की टेस्को पीएलसी के सहयोग से संचालित हाइपरमार्केट चेन स्टार चला रहा है। इसमें उसके इन-हाउस लेबल का हिस्सा एक साल में 63% से बढ़कर 72% हो गया है जबकि रिलायंस रिटेल के मामले में यह 15% से 20% से अधिक नहीं है। अंबानी को अभी बहुत कुछ हासिल करना है। युवा खरीदारों के लिए शीन एक बढ़िया नाम है, लेकिन यह अंतर को पाटने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता है। नोएल के लिए भी काफी कुछ दांव पर लगा है। ट्रेंट में सफलता को बनाए रखना 67 वर्षीय नोएल टाटा के लिए महत्वपूर्ण है। उनके पास टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी के बोर्ड में शामिल होने का मौका है।
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