सिंगरौली जिला, मध्य प्रदेश
स्थिति और सीमाएँ:
सिंगरौली जिला मध्य प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित है। इसके उत्तर में उत्तर प्रदेश राज्य की सीमा, पूर्व में झारखंड राज्य की सीमा, दक्षिण में छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा और पश्चिम में रीवा जिला स्थित है। सिंगरौली जिला अपनी कोयला खदानों और ऊर्जा उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।
स्थापना:
सिंगरौली जिले की स्थापना 24 मई 2008 को हुई थी। यह जिला पहले सीधी जिले का हिस्सा था, जिसे विभाजित कर नया जिला बनाया गया। जिले का नाम सिंगरौली शहर के नाम पर रखा गया है, जो जिले का प्रमुख शहर और प्रशासनिक मुख्यालय है।
मुख्यालय:
जिले का प्रशासनिक मुख्यालय वैढ़न में स्थित है।
भूगोल:
सिंगरौली जिले का भूभाग मुख्यतः पहाड़ी और पठारी क्षेत्रों का मिश्रण है। जिले की प्रमुख नदियाँ सोन और रिहंद हैं। जिले की जलवायु सामान्यतः गर्म और शुष्क होती है, जिसमें गर्मियों में तापमान उच्च और सर्दियों में ठंडा रहता है। जिले की मिट्टी कृषि और खनन के लिए उपयुक्त है।
अर्थव्यवस्था:
सिंगरौली जिले की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से खनन और ऊर्जा उत्पादन पर आधारित है। यहाँ की प्रमुख खदानें कोयला और बॉक्साइट की हैं। सिंगरौली को "ऊर्जा की राजधानी" भी कहा जाता है, क्योंकि यहाँ कई ताप विद्युत संयंत्र स्थित हैं। इनमें एनटीपीसी, एनसीएल और एस्सार पावर जैसे प्रमुख संयंत्र शामिल हैं। जिले में कृषि भी महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि है, जिसमें मुख्यतः धान, गेहूँ, मक्का और सोयाबीन की खेती होती है।
पर्यटन स्थल:
1. रिहंद बांध: यह बांध रिहंद नदी पर स्थित है और जलाशय के रूप में महत्वपूर्ण है। यहाँ की सुंदरता और जलाशय का दृश्य पर्यटकों को आकर्षित करता है।
2. गोविंद बल्लभ पंत सागर: यह सागर रिहंद बांध के जलाशय के रूप में जाना जाता है और भारत का सबसे बड़ा कृत्रिम जलाशय है।
3. सिंगरौली का किला: यह ऐतिहासिक किला जिले का महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है और यहाँ से पूरे शहर का सुंदर दृश्य देखने को मिलता है।
4. धर्मराज मंदिर: यह मंदिर धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है और जिले के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है।
5. ट्रिबल म्यूजियम: यह संग्रहालय जिले की आदिवासी संस्कृति और इतिहास को दर्शाता है। यहाँ आदिवासी जीवनशैली, कला और शिल्प की जानकारी मिलती है।
संस्कृति और त्यौहार:
सिंगरौली जिले की संस्कृति में मध्य प्रदेश और आदिवासी परंपराओं का संगम देखने को मिलता है। यहाँ के प्रमुख त्यौहारों में होली, दिवाली, दशहरा, नवरात्रि, और मकर संक्रांति शामिल हैं। जिले में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, मेलों और उत्सवों का आयोजन भी किया जाता है, जो यहाँ की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखते हैं।
यातायात और परिवहन:
सिंगरौली जिला सड़क और रेल मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। सिंगरौली रेलवे स्टेशन प्रमुख जंक्शन है, जो देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। जिले में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग भी फैले हुए हैं, जो परिवहन को सुविधाजनक बनाते हैं। निकटतम हवाई अड्डा वाराणसी में स्थित है, जो सिंगरौली से लगभग 220 किलोमीटर की दूरी पर है।
शिक्षा:
जिले में कई शैक्षणिक संस्थान हैं, जो प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक की सुविधाएं प्रदान करते हैं। यहाँ के प्रमुख शिक्षण संस्थानों में महाविद्यालय और विद्यालय शामिल हैं, जो स्थानीय छात्रों को शिक्षा के अवसर प्रदान करते हैं। सिंगरौली में तकनीकी और प्रबंधन संस्थान भी हैं।
स्वास्थ्य सेवाएं:
जिले में कई सरकारी और निजी अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। जिला अस्पताल वैढ़न में स्थित है, जो स्वास्थ्य सेवाओं का मुख्य केंद्र है। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं।
अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:
सिंगरौली जिला अपने खनन और ऊर्जा उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की कोयला खदानें और विद्युत संयंत्र जिले की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। सिंगरौली का ग्रामीण जीवन और आदिवासी संस्कृति इसे एक अद्वितीय पहचान देते हैं।
सिंगरौली जिला मध्य प्रदेश का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जहाँ ऐतिहासिक धरोहर, सांस्कृतिक महत्व और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्वितीय संगम देखने को मिलता है। यहाँ के पर्यटन स्थल, सांस्कृतिक उत्सव और खनन क्षेत्र इसे एक आकर्षक और महत्वपूर्ण जिला बनाते हैं।